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कॉल कर छात्र से पूछा जाएगा क्यों नहीं आ रहा स्कूल

स्कूल से लंबे समय तक अऩुपस्थित रहने पर छात्र और अभिभावकों को एसएमएस और आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम) कॉल से सूचित किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) अर्ली...

Pankaj Vijay ललित कौशिक, नई दिल्लीThu, 22 Oct 2020 12:01 PM
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स्कूल से लंबे समय तक अऩुपस्थित रहने पर छात्र और अभिभावकों को एसएमएस और आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम) कॉल से सूचित किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) अर्ली वार्निंग सिस्टम तैयार कर रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र 2021-22 में इसको लॉन्च कर दिया जाएगा।

सात दिन गैरहाजिर होने पर करेंगे संपर्क
अगर कोई छात्र सात दिन लगातार अनुपस्थित रहता है या उस महीने में उपस्थिति 50 फीसदी से कम रहती है तो ऐसे छात्रों से संपर्क कर उनकी परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत स्कूल प्रबंधन समिति सदस्य, शिक्षक, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, स्थानीय स्वयं सेवी संस्था का अधिकारी छात्र के घर जाकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे। आखिर छात्र किन कारणों से स्कूल नहीं आ रहा है।

छात्र के घर तक पहुंचेंगे
डीसीपीसीआर अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने बताया कि जब छात्र लंबे से स्कूल में नहीं होता है तो वह गंभीर स्थिति हो जाती है, जिसके कई कारण होते हैं। इसमें छात्र के घर में कोई अनहोनी तो नहीं हुई, आर्थिक मजबूरी तो नहीं, घरेलू हिंसा का शिकार, स्कूल में छात्र के साथ कोई घटना, जल्दी शादी होना, बाल मजदूरी सहित कई दूसरे कारण होते हैं। उन्हीं दिक्कतों का जानने के लिए छात्र के घर तक पहुंचेंगे, जिससे उसकी परेशानी को जानकर उसे दूर करने की कोशिश करेंगे।


दावा : दिल्ली पहला राज्य होगा
कुंडू ने कहा कि इस दिशा में कदम बढ़ाने वाला दिल्ली पहला राज्य होगा। अगले वर्ष अप्रैल 2021 तक इस सिस्टम के लॉन्च होने की संभावना है। आईवीआरएस कॉल पर छात्र के पास अपनी समस्या बताने के कई विकल्प होंगी। बच्चे से कॉल के माध्यम से पूछा जाएगा कि उसे क्या परेशानी है। फिर उस समस्या से जुड़ा संबंधित बटन दबाने पर उसकी परेशानी प्राप्त हो जाएगी।

डैशबोर्ड तैयार होगा
डीसीपीसीआर का मानना है कि जब छात्रों की अऩुपस्थिति से जुड़े कारणों का एक डैशबोर्ड तैयार होगा। उससे शिक्षा विभाग के जिला और राज्य अधिकारियों को बच्चों की उपस्थिति सुधारने में मदद मिलेगी। साथ ही प्राथमिकताओं के बारे में भी पता चल सकेगा।

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