CTET Result 2021 : सीबीएसई नॉर्मलाइजेशन पद्धति से जारी कर सकता है सीटीईटी रिजल्ट, जानें क्या होगा मार्क्स पर असर
CTET Result 2021 : केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा ( सीटीईटी ) के रिजल्ट का इंतजार जारी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई ) द्वारा जारी सीटीईटी नोटिफिकेशन में रिजल्ट की संभावित डेट 15...
CTET Result 2021 : केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा ( सीटीईटी ) के रिजल्ट का इंतजार जारी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई ) द्वारा जारी सीटीईटी नोटिफिकेशन में रिजल्ट की संभावित डेट 15 फरवरी 2022 बताई गई थी लेकिन परिणाम अभी तक जारी नहीं किया गया है। सीटीईटी रिजल्ट के इंतजार के बीच अभ्यर्थियों को यह समझ लेना चाहिए कि नॉर्मलाइजेशन पद्धति क्या होती है। सीबीएसई की ओर से सीटीईटी को लेकर 14 दिसंबर 2021 को जारी एक नोटिस में बताया गया था कि सीटीईटी 2021 का रिजल्ट नॉर्मलाइजेशन पद्धति से भी निकाला जा सकता है।
सीबीएसई ने इस नोटिस में कहा था, 'सीटीईटी का 15वां संस्करण 16 दिसंबर 2021 से 13 जनवरी 2022 के बीच कई शिफ्टों में आयोजित किया जाना है। बोर्ड हर शिफ्ट में प्रश्न पत्रों के अलग अलग सेट देगा। परीक्षा से जुड़े सभी हितधारकों के यह ध्यान में लाया जाता है कि प्रश्न पत्र की कठिनता और सिलेबस की कवरेज का एक समान लेवल सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिशें की गई हैं। इसके अलावा यदि प्रश्न पत्र के विभिन्न सेटों के कठिनाई स्तर में भिन्नता हो तो बोर्ड आगे निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्कोर नॉर्मलाइजेशन की पद्धति अपना सकता है।'
आपको बता दें कि विभिन्न अन्य कई भर्ती व प्रतियोगी परीक्षाओं में मार्क्स नॉर्मलाइजेशन की पद्धति अपनाई जा रही है। दरअसल जब अनेक शिफ्टों में और कई दिनों तक परीक्षा होती है तो प्रश्न पत्र के कठिनाई के स्तर में भी अंतर होने की संभावना बनी रहती है। प्रश्न पत्रों के कठिनाई के स्तर में समानता लाने के लिए व्यापक तौर पर मार्क्स नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला अपनाया जाता है। इस पद्धति से विभिन्न शिफ्टों के प्रश्न पत्र के कठिनता के स्तर को एक लेवल पर लाया जाता है। परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों के मार्क्स को एक फॉर्मूले के तहत नॉर्मलाइज किया जाता है।
मान लीजिए किसी शिफ्ट में प्रश्न पत्र काफी मुश्किल होने के चलते उस शिफ्ट के स्टूडेंट्स का औसत स्कोर काफी कम है। और दूसरी तरफ किसी अन्य शिफ्ट में बेहद आसान प्रश्न पत्र आने से उस शिफ्ट के स्टूडेंट्स का और स्कोर काफी अधिक हो गया है। तो स्कोर नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले से स्कोर घटा बढ़ाकर बैलेंस किया जाता है।
रेलवे भर्ती बोर्ड भी पिछले कई सालों से विभिन्न परीक्षाओं में इस Marks Normalization की पद्धति अपनाता आ रहा है। ऐसा कई बार हो चुका है कि कई उम्मीदवारों के अंक कुल अंकों से भी ऊपर चले गए। उम्मीदवार द्वारा प्राप्त किए रॉ मार्क्स उसके नार्मलाइज्ड मार्क्स तय करने में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।
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