Bihar Police Constable Exam:सिपाही भर्ती परीक्षा में आंसर की किसने भेजी थी, इसका पता चला, इनमें एक सरकारी कर्मी भी शामिल
सिपाही भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के सरगना को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। कंकडबाग पुलिस ने नालंदा से सिपाही कमलेश कुमार को दबोचा। उसने मोबाइल से पांच अभ्यर्थियों को आंसर (उत्तर) की भेजी थी
सिपाही भर्ती प्रश्न-पत्र लीक मामले में पुलिस ने आंसर की भेजने वाले तीन की पहचान कर ली है। इनमें से दो नालंदा जबकि एक दरभंगा का रहने वाला है। नालंदा निवासी दोनों सरकारी कर्मी व दरभंगा निवासी निजी कंपनी में काम करता है।
पुलिस का मानना है कि तीनों साल्वर गिरोह के सक्रिय सदस्य हो सकते हैं। फिलहाल तीनों फरार हैं। कंकड़बाग पुलिस इस केस को मंगलवार को ईओयू में स्थानांतरित कर सकती है।
कंकड़बाग स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज में सिपाही भर्ती परीक्षा की दूसरी पाली में कदाचार करते हुए छह अभ्यर्थियों को दबोचा गया था। गिरफ्तार अभ्यर्थियों में से तीन के पास से मोबाइल फोन बरामद हुए थे। मनु और रजनीश के मोबाइल पर आंसर-की भेजने वालों का नंबर पुलिस को मिला था। मनु के मोबाइल पर व्हाट्सएप द्वारा नालंदा के एक नंबर से जबकि रजनीश के पास दरभंगा से आंसर की आई थी। मनु के मोबाइल पर भेजे गए नंबर के आधार पर पुलिस ने बाद में नालंदा से सिपाही कमलेश कुमार को गिरफ्तार किया था।
वहीं, पुलिस ने सिपाही का मोबाइल फोन खंगाला तो पता चला कि उसके नंबर परीक्षा के करीब डेढ़ घंटा पहले ही नालंदा के ही दो नंबर से आंसर-की आई थी। यह आंसर की सिपाही ने बाद में मनु को फारवर्ड कर दिया था। पुलिस ने सिपाही के पास आंसर-की भेजने वालों की पहचान नालंदा में तैनात सरकारी विभाग के कर्मी के रूप में की। रजनीश के मोबाइल पर आंसर-की भेजने वाला दरभंगा निवासी आरोपित निजी कर्मी है। पुलिस ने आरोपित के साथ काम करने वाले कर्मियों, करीबियों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक तीनों साल्वर गिरोह के सदस्य हो सकते हैं। उन तीनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस मुख्य आरोपित तक पहुंच सकेगी।
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