Hindi Newsकरियर न्यूज़covid-19: Future of universities in danger new reality has to be accepted - report

कोविड-19: विश्वविद्यालयों का भविष्य खतरे में, नई हकीकत को स्वीकार करना होगा- रिपोर्ट

कोविड-19 महामारी की वजह से अस्थाई रूप से दूरस्थ शैक्षणिक गतिविधियां बढ़ना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से होते बदलाव की शुरुआत भर है और संस्थानों के परिसर पुन: खुलने के बाद भी उनके अधिकारियों को...

Alakha Ram Singh भाषा, नई दिल्लीTue, 25 Jan 2022 05:01 PM
share Share

कोविड-19 महामारी की वजह से अस्थाई रूप से दूरस्थ शैक्षणिक गतिविधियां बढ़ना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से होते बदलाव की शुरुआत भर है और संस्थानों के परिसर पुन: खुलने के बाद भी उनके अधिकारियों को स्वीकार करना होगा कि स्थिति पुन: सामान्य की ओर नहीं लौटेगी। एक नई रिपोर्ट में यह आकलन किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार महामारी के कारण उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों में विश्वविद्यालयों के सामने अनेक विषय आ रहे हैं और ऐसे में विश्वविद्यालयों का भविष्य खतरे में है। 'क्या अतीत के विश्वविद्यालय अब भी भविष्य हैं?' शीर्षक वाली रिपोर्ट को परामर्शदाता संस्था ईवाई ने प्रकाशित किया है और यह उच्च शिक्षा क्षेत्र के भविष्य के बारे में विश्लेषण पर आधारित है।

यह अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, सिंगापुर तथा ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों के 29 साक्षात्कारों पर भी आधारित है। रिपोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि विश्वविद्यालयों को जनसांख्यिकीय बदलावों, भूराजनीतिक चुनौतियों, कार्यस्थलों पर बदलती मांगों और गुणवत्तापूर्ण डिजिटल अनुभव की छात्रों की आकांक्षाओं को देखते हुए तेजी से नई वास्तविकता को अपनाना होगा। 

रिपोर्ट के अनुसार, ''पूरी दुनिया में विश्वविद्यालय अब भी वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं। अस्थाई दूरस्थ शिक्षा की ओर तेजी से बढ़ना इस क्षेत्र के तीव्र बदलाव की शुरुआत भर है। परिसरों के पुन: खुलने के बाद भी पदाधिकारियों को स्वीकार करना होगा कि सामान्य स्थिति की ओर नहीं लौट सकेंगे।'' इसमें कहा गया है, ''अगर वे यह नहीं सोचना चाह रहे कि उनका क्या उद्देश्य है और वे मूल्यों को कैसे प्रदान करेंगे तो कोविड-19 महामारी की वजह से सामने आईं कुछ चुनौतियां तेजी से अस्तित्व पर खतरे का रूप ले सकती हैं। समय आ गया है कि कठिन सवाल पूछने शुरू किए जाएं, यथास्थिति को चुनौती दी जाए और उन अवसरों को देखा जाए जो महामारी ने हमें ये सोचने के लिए दिए हैं कि उच्च शिक्षा को कैसे और कहां तथा किसे दिया जाना है।'' 

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर प्रकाशित रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि विश्वविद्यालयों को अतीत के साथ भविष्य को देखने का रुख अपनाना होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि मान्यता देने पर विश्वविद्यालयों का एकाधिकार समाप्त हो रहा है और दीर्घकालिक तरीके से एवं बिना डिग्री वाले शिक्षण-प्रशिक्षण को मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि संस्थानों को ऐसी दुनिया के लिए तैयार रहना होगा जहां स्थान या साख का प्रशिक्षण पाने वालों के लिए इतना महत्व नहीं है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें