सहूलियत : संस्कृत विश्वविद्यालय छात्रों को करियर की राह दिखाएंगे गुरुजी
अध्ययन के लिए संस्कृत विषय चुनने वाले छात्रों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शिक्षा देने के साथ गुरुजन उन्हें कॅरियर की राह भी सुझाएंगे। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति...
अध्ययन के लिए संस्कृत विषय चुनने वाले छात्रों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शिक्षा देने के साथ गुरुजन उन्हें कॅरियर की राह भी सुझाएंगे।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कॅरियर काउंसिलिंग सेल का गठन किया है। सेल में उन शिक्षकों को नियुक्त किया गया है जिन्हें देश-विदेश में शिक्षण का लंबा अनुभव है। परंपरागत रोजगार के साथ वे छात्रों को कॅरियर के नए रास्तों के बारे में भी बताएंगे।
संस्कृत में शिक्षा ग्रहण करने के बाद ज्यादातर छात्र शिक्षण की तरफ भागते हैं। कॅरियर काउंसिलिंग सेल के अध्यक्ष प्रो. बृजभूषण ओझा के अनुसार छात्रों के सामने सिविल सेवा, सेना या पुलिस में धर्मगुरू आदि के विकल्प होते हैं। जबकि युवाओं के सामने संस्कृत के लिए कई नए विकल्प हैं। प्रो. ओझा बताते हैं कि वास्तु और ज्योतिष के क्षेत्र में कॅरियर का चुनाव बेहतर रास्ते हैं। इसके अलावा योग आज भारत से निकलकर दुनियाभर में फैल चुका है।
पतंजलि समेत तमाम बड़ी कंपनियां और विश्वविद्यालय योग विशेषज्ञों को नौकरी दे रहे हैं। सरकारें भी योग में दक्ष युवाओं के लिए रोजगार के दरवाजे खोल रही हैं। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति लागू होते ही विश्वविद्यालय में प्रबंध शास्त्र, गृह विज्ञान जैसे पाठ्यक्रम भी शुरू हो जाएंगे जिनमें कैरियर के बेहतर विकल्प हैं। सेल छात्रों का डेटा जुटाकर उनकी योग्यता के अनुरूप काउंसिलिंग करेगी। काउंसिलिंग सेल में प्रो. ओझा के अलावा डॉ. विद्या कुमारी नंदा, डॉ. मधुसूदन मिश्र, डॉ. कृष्ण श्रीगुरु बिल्वेश समेत अन्य शिक्षक शामिल हैं।
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