Constitution Day Speech : संविधान दिवस पर दें यह दमदार भाषण, जल्दी से हो जाएगा याद
constitution day speech : यदि आप भी संविधान दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो यहां हम आपको अपनी दमदार स्पीच का उदाहरण दे रहे हैं। इस स्पीच से आप आइडिया ले सकते हैं।
Constitution Day Speech , Indian Constitution : स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर की अपनी खास अहमियत है। यही वह दिन है जब भारत ने अपने संविधान ( indian constitution ) को अपनाया था। 1946 में संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया और इसकी रचना में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा। 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हो गया और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर दिया गया। संविधान दिवस पर सरकारी संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शैक्षणिक संस्थानों में भाषण प्रतियोगिताएं और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। यदि आप भी संविधान दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो यहां हम आपको अपनी दमदार स्पीच का उदाहरण दे रहे हैं। इस स्पीच से आप आइडिया ले सकते हैं।
Constitution Day Speech 2022 In Hindi ( संविधान दिवस पर भाषण हिंदी में 2022 )
यहां उपस्थित प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों
कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। देश का शासन और सरकार कैसे चलेगी? सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा कैसी होगी? किस पद की नियुक्ति कैसे होगी और उसके क्या कार्य होंगे? देश के नागरिकों के क्या अधिकार और कर्तव्य होंगे एवं इनकी रक्षा कैसे होगी? कानून क्या होगा? एक देश को चलाने के लिए ये सभी बातें संविधान में ही निहित होती हैं। 200 सालों की गुलामी के बाद जब भारत अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ तब उसके पास अपना संविधान नहीं था। ऐसे में सबसे पहले संविधान बनाने की चुनौती थी। इसके लिए 1946 में एक संविधान सभा का गठन किया गया। जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया। आज का दिन हमें इसी महत्वपूर्ण दिन की याद दिलाता है। 26 नवंबर को संविधान दिवस के साथ साथ राष्ट्रीय कानून दिवस भी मनाया जाता है। संविधान अपनाए जाने के कुछ दिनों बाद 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को देश में गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
साथियों संविधान दिवस पर बाबासाहेब अंबेडकर को याद करना भी बेहद जरूरी है। संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर ही थे इसलिए उन्हें संविधान निर्माता भी कहा जाता है। संविधान निर्माण में उनकी सबसे अहम भूमिका रही।
यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं।
साल 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था। भारत का संविधान दुनिया भर के बेहतरीन संविधानों को मिलाकर बनाया गया है और ये दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसमें विभिन्न देशों के संविधानों से अच्छी बातें ली गई हैं।
साथियों, संविधान दिवस सिर्फ देश की सरकार और राजनीतिक पार्टियों का पर्व नहीं है बल्कि यह पूरे देश की जनता का पर्व है। देश के हर नागरिक के लिए यह गर्व का दिन है। देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम लोग इस उत्सव को पूरे जोश के साथ मनाएं। देश के आजाद होने के बाद हर भारतीय नागरिक संविधान द्वारा उसे दिए गए मौलिक अधिकारों का आनंद लेते आ रहा है। लेकिन हमें इसके साथ-साथ देश के कानून का पालन करने और संविधान में दिए गए मौलिक कर्तव्यों को निभाने का भी संकल्प लेना चाहिए। संविधान के सिद्धांतों का पालन करना हमारा दायित्व है। आज के दिन इस प्रण को लेकर हम देश के संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
संविधान दिवस की आप सभी को एक बार फिर से शुभकामनाएं। आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद। जय हिंद, जय भारत।
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