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Constitution Day Speech In Hindi : 26 नवंबर संविधान दिवस पर दे सकते हैं यह आसान भाषण

Constitution Day Speech: संविधान दिवस के अवसर पर स्कूलों व कॉलेजों में जहां भाषण, निबंध लेखन व क्विज प्रतियोगिताएं होती हैं। यहां हम स्कूल के बच्चों के लिए संविधान दिवस पर भाषण का उदाहरण दे रहे हैं।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 25 Nov 2022 09:55 AM
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Constitution Day Speech In Hindi : हर साल 26 नवंबर का दिन भारत में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। दरअसल 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था। इसलिए इसी दिन की याद में हर साल देश में संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाना है। हालांकि, भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था जिसका जश्न हम लोग हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन देश में राष्ट्रीय कानून दिवस भी मनाया जाता है। संविधान दिवस के अवसर स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। स्कूलों व कॉलेजों में जहां भाषण, निबंध लेखन व क्विज प्रतियोगिताएं होती हैं, वहीं सरकारी ऑफिसों में प्रस्तावनाएं पढ़ी जाती हैं। 

यहां हम स्कूल के बच्चों के लिए ' संविधान दिवस पर भाषण ' का उदाहरण दे रहे हैं । यहां से आइ़डिया लेकर वह अपनी स्पीच तैयार कर सकते हैं। 

Constitution Day Speech In Hindi : संविधान दिवस पर भाषण इस प्रकार है -

आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों । आपको सभी को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।...

आज हम सभी यहां संविधान दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। हर भारतीय नागरिक के लिए 26 नवंबर  संविधान दिवस बेहद गर्व का दिन है। कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। संविधान में ही देश के सिद्धांत और उसको चलाने के तौर तरीके होते हैं। 26 नवंबर 1949 के दिन देश की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था। साथियों! यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। यह भी जानना जरूरी है कि 26 नवंबर का दिन देश में राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 

हमारा देश जब 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, तब हमारे पास अपना कोई संविधान नहीं था। संविधान के बगैर देश नहीं चलाया जा सकता था इसलिए इसको बनाने के लिए एक संविधान सभा का गठन किया गया। जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे इसलिए उन्हें संविधान निर्माता भी कहा जाता है। 

दोस्तों,  संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया। इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ। 

साल 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को  'संविधान दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था। 
2015 इसलिए खास वर्ष था क्योंकि उस साल संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए तब से यह दिवस हर साल मनाया जाता आ रहा है। 

भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं। इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में है। 

इस संविधान दिवस पर हमें जीवन भर अपने मौलिक कर्तव्यों और देश का कानून का पालन करने का 
प्रण लेना चाहिए। देश का अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने से न सिर्फ संविधान का मकसद पूरा होगा बल्कि संविधान निर्माताओं के सपनों के राष्ट्र का निर्माण होगा।

संविधान दिवस की आप सभी को एक बार फिर से शुभकामनाएं। आपने मेरे विचारों को सुना, इसके लिए आपका सभी का धन्यवाद। जय हिंद, जय भारत।

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