किसने लिखा भारत का संविधान, कहां है इसकी हाथ से लिखी ऑरिजनल कॉपी, संविधान दिवस पर जानें इसकी 20 दिलचस्प बातें
भारतीय संविधान का क्या महत्व है, यह क्यों बनाया गया, किसकी अहम भूमिका रही, इससे बनाने में कितना समय लगा, दुनिया भर में यह क्यों सबसे खास हैं, इन सब सवालों के जवाब आपको नीचे दी गई खास बातें में मिलेंगे
Constitution Day 2023 : भारत में 26 नवंबर का दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन देश में राष्ट्रीय कानून दिवस भी मनाया जाता है। इस देश का चलाने वाला संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। यही वह दिन था जब संविधान को अपनाया गया और राष्ट्र को समर्पित किया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया गया था। इसलिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है। अंबेडकर को ही संविधान का जनक कहा जाता है। लेकिन भारतीय संविधान को लिखने वाले शख्स प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे। उन्होंने अपने हाथ से संविधान को लिखा था। पंडित नेहरू ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थी।
Constitution Day of India : यहां पढ़ें भारतीय संविधान की खास बातें
1. साल 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था। 2015 इसलिए खास वर्ष था क्योंकि उस साल संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी।
2. भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
3. बैग ऑफ बोरोविंग - भारत के संविधान में कई देशों के संविधान की विशेषताओं को अपनाया गया है। भारत के संविधान को ‘Bag of Borrowings’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके ज्यादातर प्रावधान अन्य देशों से लिए गए हैं। इसके कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं। इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में है।
4. - टाइप नहीं हाथ से लिखी है संविधान की ऑरिजनल कॉपी: भारतीय संविधान की ये मूल प्रतियां टाइप या मुद्रित नहीं थीं। संविधान की असली कॉपी अंग्रेजी में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। ये बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन (पश्चिम बंगाल) के कलाकारों राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस ने सजाया था।
5. कहां रखी हैं संविधान की प्रतियां : संविधान की हस्तलिखित प्रतियों को संसद के पुस्तकालय में हीलियम में रखा गया है। कांच से बने इन पारदर्शी मगर सीलबंद बक्सों में नाइट्रोजन भरी है, जो पांडुलिपि के कागज को खराब नहीं होने देती। ये दोनों बॉक्स अमेरिका की एक कंपनी ने कैलिफोर्निया में बनाए थे।
6. कैसी दिखती है मूल प्रति
- 16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति
- 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है
- 251 पृष्ठ शामिल थे इस पांडुलिपि में
7. कितने दिन में हुआ तैयार
पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था।
8. - संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं।
9- हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। दो दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था।
10. 15 महिलाएं कौन थीं - संविधान सभा में जो 15 महिलाएं थीं, इनमें आरबीआई के पहले भारतीय गवर्नर सीडी देशमुख की पत्नी दुर्गाबाई देशमुख भी थीं। साथ ही, कुछ अन्य महिलाएं जैसे विजयलक्ष्मी पंडित, सरोजिनी नायडू, अम्मू स्वामीनाथन, दक्षिणायनी वेलायुदन, बेगम रायसुल का संविधान निर्माण में खासा योगदान रहा है।
11- संविधान 25 भागों, 448 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा भारतीय संविधान किसी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
12- मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 448 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान के तीसरे भाग में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।
13. भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है।
14. डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है। भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. भीमराम अंबेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।
15. भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के तीसरे भाग में अनुच्छेद 12 से 35 तक किया गया है।
16. भारत के संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया था। भारत की संविधान सभा ने संविधान के निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों से निपटने के लिये कुल 13 समितियों का गठन किया था।
17. अंबेडकर ने क्यों कही थी संविधान जलाने की बात
आजादी के बाद एक बार ऐसा मौका आया था जब भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर इस संविधान को जलाना चाहते थे। 2 सितंबर 1953 को राज्यसभा में राज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने के मुद्दे पर जोरदार बहस हो रही थी। तब अंबेडकर ने कहा था, 'मेरे मित्र मुझसे कहते हैं कि मैंने संविधान को बनाया है, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि इसे जलाने वाला पहला व्यक्ति भी मैं ही होउंगा। मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ये किसी के लिए भी अच्छा नहीं है। बहुसंख्यक यह नहीं कह सकते हैं कि अल्पसंख्यकों को महत्व देने से लोकतंत्र को नुकसान होगा। असल में अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाना सबसे ज्यादा नुकसानदायक होगा।’ अंबेडकर हमेशा से बहुसंख्यकों द्वारा अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के सख्त खिलाफ थे। बाद में उन्होंने ऐसी बात कहने का कारण बताते हुए कहा था, 'अगर हम भगवान के रहने के लिए कोई मंदिर बनाते हैं। लेकिन उसमें कोई राक्षस आकर रहने लगे। ऐसे में हमारे पास मंदिर तोड़ने के लिए अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। क्योंकि हमने तो मंदिर भगवान के लिए बनाया था, राक्षस के लिए नहीं।'
18. 432 निब घिसीं
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा को हाथ से संविधान लिखने में 6 महीने लगे और कुल 432 निब घिस गईं।
19. लिखने की कोई फीस नहीं ली
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान लिखने की कोई फीस नहीं ली थी। उन्होंने हर पेज पर अपना नाम और अंतिम पेज पर अपने गुरु व दादा मास्टर राम प्रसाद सक्सेना का नाम लिखने की शर्त रखी थी।
20. संविधान की हिंदी कॉपी कैलीग्राफर वसंत कृष्ण वैद्य ने हाथ से लिखी है।
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