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वकील पर बरसे CJI, बोले-आप क्यों आए हो, स्टूडेंट्स को आने दो, यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका खारिज

UGC NET exam यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के खिलाफ याचिका को आज चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने खार

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 29 July 2024 02:08 PM
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यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के खिलाफ याचिका को आज चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने खारिज कर दिया है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ वकील पर बरसे, उन्होंने कहा, "आप यहां क्यों आए हो, स्टूडेंट्स को खुद यहां आने दो "। हालांकि पीठ ने यह भी कहा कि जनहित याचिका को खारिज करना जनहित याचिका की योग्यता पर फैसला नहीं है क्योंकि यह किसी पीड़ित स्टूडेंट ने फाइल नहीं की है, यह एक वकील ने दायर की है। 

आपको बता दें कि यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।  आपको बता दें कि मंत्रालय ने परीक्षा की पारदर्शिता से समझौता होने की जानकारी मिलने के बाद यूजीसी नेट परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया था। इस मामले में मंत्रालय ने 19 जून को यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया था और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

कब हुई थी परीक्षा
इस साल राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) एक ही दिन - 18 जून को आयोजित की गई, जिसके लिए 11 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। यूजीसी-नेट परीक्षा का आयोजन जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में पीएचडी में दाखिले के लिए किया जाता है।

याचिका में कहा गया गलत सबूत देखकर रद्द की गई यूजीसी नेट परीक्षा
अधिवक्ता उज्ज्वल गौर द्वारा दायर याचिका में यूजीसी-नेट परीक्षा की प्रस्तावित पुन: परीक्षा पर उस वक्त तक रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था, जब तक कि सीबीआई प्रश्नपत्र लीक के आरोपों की जांच पूरी नहीं कर लेती। याचिकाकर्ता का कहना था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के हालिया निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए  दोबारा एग्जाम कराने का फैसला मनमाना है। सीबीआई की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि प्रश्नपत्र लीक का दावा करने वाले सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है।''

    

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