Children’s Day Speech : बाल दिवस पर दें यह सरल व दमदार भाषण, फटाफट होगा याद
Children's Day Speech : बच्चों के अधिकारों व स्वतंत्रता की रक्षा और शिक्षा एवं कल्याण के लिए बाल दिवस मनाया जाना शुरू किया गया था। इस दिन बच्चों की कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है।
Children's Day Speech , Bal Diwas bhashan 14 November : भारत में हर साल देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पंडित नेहरू को बच्चों के प्रति बेहद प्रेम और स्नेह था। बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। इसलिए उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 14 नवंबर का दिन पंडित नेहरू के साथ-साथ बच्चों को भी समर्पित है। देश में बच्चों के अधिकारों व स्वतंत्रता की रक्षा और शिक्षा एवं कल्याण के लिए बाल दिवस मनाया जाना शुरू किया गया था। बाल दिवस के दिन बच्चों के अधिकारों व उनके लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है। सरकार और बाल विकास एवं अधिकार संरक्षण के लिए बने विभिन्न एनजीओ की ओर से बच्चों के विकास में आ रही बाधाओं पर विचार कर उनके हल पर मंथन किया जाता है।
बाल दिवस के दिन स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसमें भाषण व निबंध प्रतियोगिताएं भी होती हैं। अगर आप भाषण देने की योजना बना रहे हैं तो यहां से उदाहरण ले सकते हैं।
Children's Day speech 2023 : यहां पढ़ें पूरा भाषण ( Bal Diwas Bhashan )
आदरणीय प्रिंसिपल सर, शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों
आप सभी को बाल दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। आज 14 नवंबर है और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिवस है। उत्कृष्ट लेखक, इतिहासकार और आधुनिक भारत के निर्माता पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव और प्रेम था, इसलिए उनकी जयंती को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बच्चे नेहरू जी को प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। पंडित नेहरू कहते थे कि बच्चे राष्ट्र के निर्माता हैं। बच्चे बगीचे में कलियों की तरह हैं और उनका ध्यान से और प्यार से लालन पालन किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के भविष्य और कल के नागरिक हैं।
नेहरू जी की जयंती पर न सिर्फ उन्हें उनके महान कार्यों के लिए याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है बल्कि बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाता है। बाल दिवस के दिन बच्चों के अधिकारों व उनके लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है। सरकार और बाल विकास एवं अधिकार संरक्षण के लिए बने विभिन्न एनजीओ की ओर से बच्चों के विकास में आ रही बाधाओं पर विचार कर उनके हल पर मंथन किया जाता है।
आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ-साथ भारत के नवनिर्माण, वहां लोकतंत्र को स्थापित करने और उसे मजबूत बनाने में पंडित नेहरू ने जो भूमिका निभाई उसे भारत हमेशा याद करता रहेगा। दोस्तों, जब भारत आजाद और विभाजित हुआ, देश का नवनिर्माण करना कोई आसान काम नहीं था लेकिन पंडित जी ने अपनी दूरदृष्टि और समझ से जो पंचवर्षीय योजनाएं बनाईं उसके शानदार नतीजे मिले। देश विकास की राह पर बढ़ने लगा। एक राजनेता के तौर पर नेहरू जी का सबसे बड़ा काम भारतीय राजनीतिक प्रणाली में लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास करना और भारत में लोकतंत्र को खड़ा करना था। आज भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। विदेश नीति के मोर्चे पर भी उनकी पकड़ मजबूत थी।
बाल दिवस के दिन हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि आजादी के इतने बरसों बाद भी बच्चे बाल मजदूरी और यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं। उनका बचपन तबाह हो रहा है। बड़ी तादाद में बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। हालांकि बच्चों के लिए मिड डे मील, फ्री शिक्षा, छात्रवृति जैसी कई योजनाएं सरकार ने बनाई हैं लेकिन अभी भी इस दिशा में काफी काम करना बाकी है। बच्चों को बाल व्यापार, यौन दुर्व्यवहार, बाल विवाह, बाल श्रम, खराब स्वास्थ्य व शिक्षा, कुपोषण जैसी समस्याओं से बाहर निकालना होगा। बच्चे इस देश का भविष्य है, कल हैं। इसे संवारना होगा।
अब मैं अपने भाषण का समापन करना चाहूंगा। भारत माता की जय। जय हिन्द। जय भारत।
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