Children's Day 2023: जानें- कब से हुई थी बाल दिवस की शुरुआत, ये है इतिहास
बाल दिवस का उत्सव केवल जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि नहीं है बल्कि बच्चों के अधिकारों और आकांक्षाओं पर विचार करने का दिन है। आइए जानते हैं, इस दिन की शुरुआत कब हुई थी। ये था इतिहास।
Children's Day 2023: हर 14 नवंबर को भारत में पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस या चिल्ड्रन डे मनाया जाता है। पंडित नेहरू को बच्चों से काफी लगाव था, ऐसे में बच्चे भी उन्हें पसंद करते थे, वे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। आइए जानते हैं, इस दिन की शुरुआत कब से हुई और क्यों पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस पर ये दिन मनाया जाता है।
जानें - कब से हुई थी बाल दिवस की शुरुआत, ये है इतिहास
यूनिवर्सल चिल्ड्रन डे साल 1954 में यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली की ओर से घोषित किया गया था। जिसका उद्देश्य दुनिया भर में बच्चों की भलाई, पालन-पोषण और जीवन बेहतर बनाने के प्रति जागरूकता पैदा करना था। यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली की ओर से पहली बार 20 नवंबर को चिल्ड्रन डे मनाया गया था, लेकिन साल 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद, भारतीय संसद ने पहले प्रधानमंत्री की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। वहीं अब
बता दें, पंडित 1954 में, नेहरू की निधन के बाद, भारत सरकार ने जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य देश में बच्चों की भलाई, शिक्षा और उनके मानसिक और शारीरिक विकास के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
बच्चों को लेकर ये थे पंडित नेहरू के विचार
पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चे राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा था, “आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे वही देश का भविष्य तय करेगा।”
बाल दिवस पर, स्कूलों में बच्चों के लिए कई एक्टिविटिज आयोजित करवाई जाती है। दिसमें स्पीच, डिबेट, क्विज, पेटिंग, प्रतियोगिता आदि शामिल होते हैं। इसी के साथ आज के लिए बच्चों के लिए मेले भी लगते हैं।
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