पं. जवाहर लाल नेहरू ने लखनऊ जेल में लिखी डिस्कवरी ऑफ इंडिया
कैदी नं0 4126 के नाम चर्चित देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने लखनऊ की जिला जेल में रहकर डिस्कवरी आफ इंडिया समेत कई पुस्तकें लिखी थीं। उन्होंने क्रान्तिकारियों के साथ मिलकर इसी जेल...
कैदी नं0 4126 के नाम चर्चित देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने लखनऊ की जिला जेल में रहकर डिस्कवरी आफ इंडिया समेत कई पुस्तकें लिखी थीं। उन्होंने क्रान्तिकारियों के साथ मिलकर इसी जेल से अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की जंग शुरू की। जेल में सभी उन्हें कैदी नं0 4126 के नाम से पुकारते थे। वह लखनऊ की जेल में 403 दिन बंद रहे। हालांकि वर्ष 2009 में पुरानी जेल को ध्वस्त कर गोसाईंगंज में नई जेल स्थापित कर दी गई। प्रदेश की जेलों की पुरानी और यादगार चीजें संजोकर जेल मुख्यालय के संग्रहालय में रखी गईं हैं।
अपर महानिरीक्षक जेल डॉ. शरद बताते हैं कि वर्ष 1860 में स्थापित जिला जेल में उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक पंडित नेहरू तीन बार लखनऊ जेल में बंद हुए। लखनऊ जेल में उन्हें राजद्रोह भड़काने समेत कई मामलों में बन्द किया गया था। उनके साथ केशवदेव मालवीय सहित बाबू पुरषोत्तम दास टंडन, शांति स्वरूप और उमाशंकर दीक्षित समेत दर्जनों क्रान्तिकारी पहले से ही बन्द थे। पंडित नहेरू ने क्रान्तिकारियों के साथ मिलकर जेल से आजादी की जंग शुरू की थी। जेल में रहते हुए पंडित नेहरू ने अंग्रेजों के प्रति खिलाफत जारी रखी। पंडित नेहरू ने जेल में रहते हुए डिस्कवरी ऑफ इंडिया, विश्व इतिहास की एक झलक और पिता के पत्र पुत्री के नाम सहित कई चर्चित पुस्तकें लिखीं। लखनऊ जेल से पंडित नेहरू बेटी इंदिरा गांधी को पत्र लिखते थे। जिसमें विश्व के बारे में जिक्र किया था। इन्ही पत्रों का संकलन कर विश्व इतिहास की एक झलक (ग्लिम्पस आफ वर्ल्ड हिस्ट्री) पुस्तक लिखी थी।
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