शिक्षक पात्रता परीक्षा के नियम बदले, क्षेत्रीय भाषा में पास करना होगा जरूरी
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) का रास्ता साफ हो गया है। राज्य मंत्रिपरषद ने मंगलवार को झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2019 को मंजूरी दे दी। नियमावली में कई बदलाव भी किये गये...
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) का रास्ता साफ हो गया है। राज्य मंत्रिपरषद ने मंगलवार को झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2019 को मंजूरी दे दी। नियमावली में कई बदलाव भी किये गये हैं।
क्षेत्रीय भाषा में पास करना होगा जरूरी
भाषा के शिक्षक के लिए इसी विषय में टेट पास करना अनिवार्य होगा, वहीं, क्षेत्रीय भाषाओं में पास करने के बाद ही अन्य कॉपियां जांची जायेगी। कैबिनेट ने टेट नियमावली समेत 21 प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी दी।
छठी से आठवीं की शिक्षक पात्रता परीक्षा में अभ्यर्थी जिस विषय में स्नातक किये होंगे उसी का टेट दे सकेंगे। अभ्यर्थी का वही मुख्य विषय होगा और टेट में उस विषय से जुड़े प्रश्न उन्हें हर हाल में बनाने होंगे। भाषा (हिंदी-अंग्रेजी) के लिए इसी विषय से संबंधित प्रश्नों को हल करने होंगे।
इसके अलावा अनिवार्य रूप से दूसरे अभ्यर्थियों को भी हिंदी-अंग्रेजी में पासिंग मार्क्स लाना होगा। क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा में क्वालीफाई करने पर ही विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषा या फिर पहली से पांचवीं के टेट की कॉपियां जांची जायेगी। क्षेत्रीय भाषा में सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग में 35 प्रतिशत क्वालीफाइ मार्क्स रखे गये हैं।
इंटर व स्नातक स्तर के पूछे जायेंगे प्रश्न: राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में अब इंटरमीटिएट और स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे जायेंगे। पहली से पांचवीं के लिए होने वाली टेट में मैट्रिक की जगह इंटर स्तरीय और छठी से आठवीं के लिए इंटर की जगह स्नातक स्तरीय प्रश्न पूछे जायेंगे। इसमें जिस विषय से अभ्यर्थी स्नातक होंगे, उससे संबंधित प्रश्न ज्यादा होंगे। अभ्यर्थियों को 250 अंकों के प्रश्न पूछे जायेंगे।
पांच में से तीन खंडों के देने होंगेउत्तर: छठी से आठवीं में अभ्यर्थियों से विज्ञान (साइंस) और सामाजिक विज्ञान (सोशल साइंस) में पांच खंडों में प्रश्न होंगे।
इसमें अभ्यर्थियों को कम से कम तीन खंडों के उत्तर देने होंगे। विज्ञान कैटेगरी में भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित, जीवविज्ञाान, जुलॉजी-बॉटनी से संबंधित प्रश्नों के खंड रहेंगे। वहीं, सामाजिक विज्ञान में इतिहास, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, समाजशास्त्र और भूगोल का सेट होगा।
टेट सर्टिफिकेट की वैधता सात साल होगी: नियमावली को मंजूरी मिलने से अब अनिवार्य रूप से हर साल टेट होगा। टेट के सर्टिफिकेट की वैधता सात सालों तक होगी। पास अभ्यर्थी इस दौरान होने वाली शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। झारखंड में 2013 और 2016 में ही टेट का आयोजन किया जा सका है। 2016 में टेट पास अभ्यर्थियों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
राज्य के विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभाग और कॉलेजों में नियुक्त घंटी आधारित शिक्षक स्थायी शिक्षक बनने के लिए दावा नहीं कर सकेंगे। राज्य कैबिनेट ने संविदा पर नियुक्त घंटी आधारित शिक्षकों के स्थायी करने के दावे को खारिज करने की अपनी मंजूरी दे दी है। स्नातकोत्तर विभाग व कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पदों पर घंटी आधारित शिक्षकों की संविदा पर नियुक्ति की गई थी, ताकि पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके। घंटी आधारित शिक्षकों को प्रति क्लास 600 रुपये और महीने में अधिकत 36 हजार रुपये दिये जाते हैं।
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