बदलाव! इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाई के साथ सॉफ्टवेयर का भी लेना होगा प्रशिक्षण
कोरोना काल ने इंजीनियरिंग के छात्रों के पढ़ने का तरीका ही बदल दिया है। अब सिलेबस के साथ-साथ ऑनलाइन कोर्स और सॉफ्टवेयर की जानकारी को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए विभागवार छात्रों को सॉफ्टवेयर की...
कोरोना काल ने इंजीनियरिंग के छात्रों के पढ़ने का तरीका ही बदल दिया है। अब सिलेबस के साथ-साथ ऑनलाइन कोर्स और सॉफ्टवेयर की जानकारी को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए विभागवार छात्रों को सॉफ्टवेयर की जानकारी दी जाती है। भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज और ट्रिपल आईटी अपने छात्रों को इन सॉफ्टवेयर की जानकारी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की मोड में दे रहे हैं। वहीं प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनियां भी सॉफ्टवेयर ट्रेंड छात्रों पर ही अधिक जोर देते हैं।
बीते दिनों भागलपुर ट्रिपल आईटी ने अपने बीटेक, एमटेक और पीएचडी के छात्रों के लिए सॉफ्टवेयर खरीदारी को लेकर बैठक बुलायी थी। जिसमें ब्रांच वार कई सॉफ्टवेयर पर सहमति बनी है। निदेशक ने विभागवार सूची की मांग की है। ताकि खरीदारी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। ट्रिपल आईटी के शिक्षक प्रो. धीरज सिन्हा ने बताया कि कोरोना काल से पहले सॉफ्टवेयर की पढ़ाई को लेकर इतना नहीं होता था। मगर अब कंपनियां कोई भी काम पहले सॉफ्टवेयर पर करती है इसके बाद वह हार्डवेयर की तरफ जाती है। इसलिए इसे अनिवार्य किया जा रहा है। इससे छात्रों को आगे प्लेसमेंट में काफी मदद मिलती है।
पांच सॉफ्टवेयर हर ब्रांच में पढ़ाना अनिवार्य हो गया:
भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की प्राचार्य प्रो. पुष्पलता ने बताया कि सिलेबस के साथ-साथ हर ब्रांच के छात्रों को पांच -पांच सॉफ्टवेयर की जानकारी होना अनिवार्य हो गया है। कोरोना काल के बाद कंपनियां इस पर जोर दे रही है। भागलपुर सहित सूबे के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज अपने छात्रों को ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में इसका प्रशिक्षण दे रहा है।
मैटलैब और आईओटी का होता इस्तेमाल:
इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. परिमल साह बताते है कि इसमें मुख्य रूप से सिग्नल और इमेज प्रोसेसिंग के लिए मैटलैब सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह ट्रांसजिस्टर सर्किट डिजाइन के लिए कैडेंस, डिजिटल हार्डवेयर डिजाइन के लिए जेडलिंक सॉफ्टवेयर, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड डिजाइन के लिए पीसीबी लैब, फिजिकल डिजाइन के लिए कॉमसोल सॉफ्टवेयर, लैब के इंट्रूमेंट को नियंत्रित करने के लिए लैब व्यू सॉफ्टवेयर, आईओटी सॉफ्टवेयर, ऑटो कैड सॉफ्टवेयर, सॉलिड वर्कस आदि का खूब इस्तेमाल हो रहा है।
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