Hindi Newsकरियर न्यूज़CGPSC Mains 2018: Chhattisgarh High Court approves 39 candidates for PSC Mains exam

CGPSC Mains 2018: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 39 परीक्षार्थियों को पीएससी मेन्स में शामिल होने की दी मंजूरी

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) 2017 के प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए 39 परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा (मेन्स)...

लाइव हिन्दुस्तान टीम नई दिल्लीFri, 22 June 2018 11:53 AM
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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) 2017 के प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए 39 परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा (मेन्स) में शामिल होने की मंजूरी दे दी। इन परीक्षार्थियों का परिणाम और पीएससी की नियुक्तियां, न्यायालय के अंतिम आदेश से बाधित रहेंगी।
 
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने गुरुवार को बताया कि आलेख निषाद, विनय अग्रवाल और अमित विश्वास सहित अन्य परीक्षार्थियों ने पीएससी प्रारंभिक परीक्षा के मॉडल एन्सर के 13 सवाल और जवाबों को चुनौती दी थी। 

सिद्दीकी ने बताया कि उच्च न्यायालय के पिछले आदेश के बाद सवाल-जवाब की जांचने करने के लिए दूसरी विशेषज्ञ समिति बनाई गई थी। समिति ने सवाल-जवाब में कोई बदलाव ना करते हुए पहले के मॉडल आंसर को यथावत रखा, जिससे परिणाम में भी कोई बदलाव नहीं हुआ। 

अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ताओं ने समिति की रिपोर्ट को भी चुनौती दी थी। इसी बीच शुक्रवार, 22 जून को पीएससी की मुख्य परीक्षा होनी है। 

उच्च न्यायालय में जस्टिस पी सैम कोशी की एकल पीठ ने सभी 39 परीक्षार्थियों को शुक्रवार को होने वाले मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी है। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि इसका परिणाम और पीएससी की नियुक्तियां उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले से बाधित रहेंगी। 
    
अधिवक्ता सिद्दीकी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पीएससी ने 18 फरवरी 2018 को 299 पदों के लिए प्रारंभिक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। इसके चार दिन बाद 22 फरवरी को परीक्षा के मॉडल एन्सर जारी कर दिए गए। 
    
इन उत्तरों को लेकर दावा- आपत्ति मंगवाई गई और सात अप्रैल को संशोधित मॉडल एन्सर भी जारी कर दिए गए। इसके बाद मुख्य परीक्षा के लिए चयनित अभ्यर्थियों का परिणाम जारी किया गया।
    
इस पूरी प्रक्रिया से असंतुष्ट याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर कहा कि पहले जारी किए गए और संशोधित मॉडल एन्सर में फर्क है। इसमें सामान्य ज्ञान के छह प्रश्न और ऐप्टिट्यूड टेस्ट के पांच प्रश्नों के उत्तर दूसरे हैं या हटा दिए गए हैं।
   
यदि परिणाम पहले के मॉडल एन्सर के अनुसार निकाला जाता तब वह मुख्य परीक्षा के लिए योग्य हो जाते। उच्च न्यायालय ने विगत मई माह में पीएससी को यह निर्देश दिया था कि इस मामले में विशेषज्ञों की टीम गठित कर मॉडल एन्सर की दोबारा जांच कर प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम घोषित करें।

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