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cbse result 2019: फिजिक्स और इंग्लिश में पिछड़ गये बिहार के स्टूडेंट्स

सीबीएसई 12वीं के रिजल्ट में पटना जोन का रिजल्ट सबसे ज्यादा खराब रहा। इसमें भौतिकी और अंग्रेजी विषय में बिहार के छात्र पिछड़ गए हैं। बोर्ड की मानें तो 12वीं में नौ हजार 654 छात्र केवल भौतिकी विषय में...

कार्यालय संवाददाता पटनाSat, 4 May 2019 08:17 AM
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सीबीएसई 12वीं के रिजल्ट में पटना जोन का रिजल्ट सबसे ज्यादा खराब रहा। इसमें भौतिकी और अंग्रेजी विषय में बिहार के छात्र पिछड़ गए हैं। बोर्ड की मानें तो 12वीं में नौ हजार 654 छात्र केवल भौतिकी विषय में फेल हुए हैं। इसके अलावा केवल अंग्रेजी विषय में आठ हजार 765 परीक्षार्थी को असफलता मिली है। तीसरे स्थान पर रसायन शास्त्र यानी केमेस्ट्री विषय का रिजल्ट रहा है। रसायन शास्त्र में चार हजार 543 परीक्षार्थी फेल हो गये। 

बोर्ड की मानें तो 12वीं के रिजल्ट मे गणित का रिजल्ट बेहतर रहा है। गणित विषय में एक हजार 342 छात्र ही केवल असफल रहे। इस बार एक विषय और दो विषय में अधिक छात्र फेल हुए हैं। ज्ञात हो कि 12वी में पांच विषयों में पास करना जरूरी होता है। इसमें मुख्य तीन विषय भौतिकी, रसायन, गणित या जीव विज्ञान के अलावा दो भाषा अंग्रेजी और हिन्दी शामिल है, लेकिन बिहार में एक और दो विषय में छात्र के फेल होने से रिजल्ट पर असर हुआ। 

कंपार्टमेंटल में शामिल होने का मौका 

जो छात्र एक या दो विषय में फेल हुए हैं, उन्हें कंपार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने का तो मौका मिलेगा। ये छात्र कंपार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होकर रिजल्ट में सुधार कर सकते हैं। दो विषय तक फेल छात्र ही कंपार्टमेंटल दे पायेंगे। 

कांसेप्ट बेस्ड प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाए छात्र 
मूल्यांकन के दौरान कई ऐसी उत्तरपुस्तिकाएं परीक्षकों को मिलीं, जिनमें छात्रों ने उत्तर नहीं दिया था। खासकर भौतिकी और रसायन विषय में यह देखने को मिला। 

डीएवी, नोट्रेडेम एकेडमी, सेंट माइकल हाई स्कूल मूल्यांकन केंद्र की मानें तो 20 से 30 फीसदी कॉपी में छात्रों ने उत्तर कामचलाऊ लिखा था। जैसे-तैसे छात्रों को पासिंग मार्क्स दिया गया। इन विषयों में 20 अंक के प्रश्न कांसेप्ट बेस्ड पूछे गए थे। कांसेप्ट बेस्ड प्रश्न यानी चैप्टर के अंदर से पूछे गये प्रश्न का उत्तर छात्र नहीं दे पाये थे। इस बार बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षा के लिए भी नियम बनाया था। जहां स्कूल अपने स्तर से प्रायोगिक विषय में 30 में 29 तक अंक देते थे। वहीं इस बार कड़ी नजर रखी गयी थी। स्कूल द्वारा दिये गये प्रायोगिक विषय के अंक का मिलान थ्योरी के अंकों से किया गया। 

- परीक्षा में शामिल कुल परीक्षार्थी     01 लाख 698         
- पास परसेंटेज         67 हजार 194 .
- असफल परीक्षार्थी की संख्या    33 हजार 504 .
- केवल भौतिकी में असफल छात्र की संख्या 09 हजार 654 .
- केवल अंग्रेजी में असफल छात्र की संख्या    08 हजार 75 .
- केवल रसायन शास्त्र में असफल छात्र की संख्या    04 हजार 543.
- तीन विषयों में असफल छात्र की संख्या    15 हजार 986 .

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