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CBSE : 10वीं में बेसिक गणित लेने वाले 11वीं में गणित ले सकेंगे

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10 में गणित (बेसिक) लेने वाले छात्रों के लिए कक्षा 11 में गणित की अनुमति दी है। सीबीएसई ने इस साल फिर से फैसला किया है कि विशेष परिस्थितियों के कारण, दसवीं कक्ष

Pankaj Vijay प्रमुख संवाददाता, नई दिल्लीSat, 23 July 2022 11:53 AM
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10 में गणित (बेसिक) लेने वाले छात्रों के लिए कक्षा 11 में गणित की अनुमति दी है। सीबीएसई ने इस साल फिर से फैसला किया है कि विशेष परिस्थितियों के कारण, दसवीं कक्षा में गणित (बेसिक) पढ़ने वाले छात्रों को ग्यारहवीं कक्षा में गणित लेने की अनुमति है। इस संबंध में बोर्ड द्वारा शीघ्र ही एक विस्तृत परिपत्र जारी किया जा रहा है।

प्रयोगात्मक परीक्षा में दोनों टर्म का समान वेटेज
सीबीएसई द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार समिति के अधिकांश सदस्यों ने सिफारिश की थी कि टर्म 1 (थ्योरी) के लिए वेटेज क्रमश: 30 फीसदी और टर्म 2 (थ्योरी) के लिए 70 फीसदी होना चाहिए। जहां तक प्रैक्टिकल परीक्षा का संबंध है, टर्म 1 और टर्म 2 दोनों को बराबर का वेटेज दिया जाए।

बोर्ड की सक्षम समिति ने समिति की चर्चाओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया और सिफारिशों को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया। टर्म 1 के थ्योरी पेपर के लिए वेटेज 30 और टर्म-2 के लिए 70 फीसदी तय किया गया। हालांकि, प्रयोगात्मक परीक्षा में कक्षा 10 और 12, दोनों के अंतिम परिणाम तैयार करने के लिए समान वेटेज देने का निर्णय लिया गया।

- वे छात्र जो किसी भी टर्म या टर्म परीक्षा में कोविड से पीड़ित थे
- राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले छात्र
- अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्र
- छात्र जो कन्टेनमेंट जोन में थे
- जो छात्र क्वारंटाइन में थे

यह भी जानें
सीबीएसई के अनुसार, निम्नलिखित श्रेणी के छात्रों के परीक्षा परिणाम, जो टर्म 1 या टर्म 2 की परीक्षा में उपस्थित नहीं हो सके, जिस टर्म में भी वे (छात्र) उपस्थित हुए उसके प्रदर्शन के आधार पर तैयार और घोषित किए गए

सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं दोनों कक्षाओं के छात्रों को टर्म के प्रदर्शन के बाद सूचित किया था कि यदि वे अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे अपने स्कूलों के माध्यम से सीबीएसई को इसकी सूचना दे सकते हैं। कक्षा 10 और कक्षा 12 के सीबीएसई को प्राप्त सभी मामलों पर कार्रवाई की गई और निम्नलिखित निर्णय लिए गए...

- जहां भी दोबारा जांच के बाद अंक बढ़े हैं, उन्हें अंतिम परिणाम तैयार करने के लिए प्रयोग किया गया।
- यदि अंक कम कर दिए गए हैं, तो अंतिम परिणाम तैयार करने में पुराने यानी अधिक अंकों का प्रयोग किया गया।
- ये निर्णय उन विशेष परिस्थितियों को देखते हुए लिए गए थे जिनमें टर्म 1 परीक्षा आयोजित की गई थी। प्राप्त सभी अनुरोधों पर विचार किया गया और निर्णय लिया गया और उसके बाद अंतिम परिणाम तैयार किए गए।

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