Hindi Newsकरियर न्यूज़CBSE Exams: Education Minister said board exams twice a year but it is not necessary to give both exams are possible under the new system from next year

CBSE Exams : शिक्षा मंत्री ने कहा, साल में दो बार बोर्ड एग्जाम, पर दोनों देना जरूरी नहीं, अगले साल से नई व्यवस्था के तहत एग्जाम संभव

CBSEकी पिछले तीन वर्षों में बैठक नहीं होने पर प्रधान ने कहा कि CBSE का पुनर्गठन किया जा रहा है। CBSE इसकी समीक्षा करेगा कि अब क्या पेश किया जा रहा है, चाहे वह नया पाठ्यक्रम हो या कोई अन्य सुधार

Anuradha Pandey एजेंसी, नई दिल्लीMon, 9 Oct 2023 05:45 AM
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CBSE exam: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में साल में दो बार शामिल होना अनिवार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एक बार अवसर मिलने के डर से होने वाले तनाव को घटाने के लिए यह विकल्प पेश किया जा रहा है। प्रधान ने कहा कि हमारी कोशिश है कि 2024 से साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित की जाएं।

प्रधान ने एक समाचार एजेंसी को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि विद्यार्थियों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह ही साल में दो बार (10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड) परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा। वे अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुन सकते हैं लेकिन यह वैकल्पिक होगा, कोई बाध्यता नहीं होगी।

अंकों से संतुष्ट नहीं तो दें अगली परीक्षा केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विद्यार्थी अक्सर यह सोचकर तनावग्रस्त हो जाते हैं कि उनका एक साल बर्बाद हो गया, उन्होंने मौका गंवा दिया या वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी परीक्षा के पहले सेट में प्राप्तांक (स्कोर) से संतुष्ट है, तो वह अगली परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है तथा कुछ भी अनिवार्य नहीं होगा।

अगस्त में घोषित हुई एनसीएफ की घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा अगस्त में घोषित नई पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित होंगी। प्रधान ने कहा कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने की योजना पर उन्हें विद्यार्थियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर स्थापित करने पर विचार मंत्री ने कहा कि दो आईआईटी दिल्ली और मद्रास अपने विदेशी परिसरों की स्थापना के अग्रिम चरण में हैं और कई अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है। प्रधान ने कहा कि विदेश मंत्रालय इसका समन्वय कर रहा है।

डमी स्कूलों पर गंभीर चर्चा की जरूरत
प्रधान ने कहा कि अब समय आ गया है कि डमी स्कूलों के मुद्दे पर गंभीर चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है कि विद्यार्थियों को कोचिंग की आवश्यकता न पड़े। नीट और जेईई की तैयारी करने वाले कई उम्मीदवार अपने गृह राज्यों के स्कूलों में दाखिला लेते हैं और कोचिंग कक्षाओं के लिए कोटा जाते हैं। डमी स्कूलों के मुद्दे को कई विशेषज्ञों ने उठाया है। उनका मानना है कि स्कूल ना जाने से छात्रों का व्यक्तिगत विकास बाधित होता है और वे तनावग्रस्त हो जाते हैं।

पांच हजार कौशल केंद्र स्थापित करने की योजना
प्रधान के मुताबिक, शिक्षा और कौशल विकास मंत्रालय 21वीं सदी के कार्यस्थल क्षेत्र में आगे बढ़ने के वास्ते नई पीढ़ी को तैयार करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कौशल विकास मंत्री ने कहा कि आज, लगभग 1000 कौशल केंद्र हैं जिनमें एक लाख उम्मीदवार नामांकित हैं। आगे, हमारी योजना 5000 ऐसे केंद्र स्थापित करने की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू नहीं करने के कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के फैसले के बारे में प्रधान ने कहा कि इन राज्यों की आपत्तियां अकादमिक नहीं बल्कि राजनीतिक हैं।

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