CBSE : साल में 2 बार 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा होगी या नहीं, सीबीएसई ने इन वायरल खबरों का किया खंडन
CBSE ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि सीबीएसई साल में दो बार 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवा सकेगा। बोर्ड ने कहा है कि इस तरह की खबरें पूरी तरह आधारहीन है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने उन वायरल खबरों का खंडन किया है जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि सीबीएसई साल में दो बार 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवा सकेगा। वायरल खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि बोर्ड मौजूदा एकेडमिक शेड्यूल के तहत साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवा सकेगा। उसके स्कूल दुनिया भर में फैले हुए हैं और इसलिए मौजूदा सिस्टम में दो शिफ्टों में बोर्ड परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है। सीबीएसई बोर्ड ने इन खबरों को बिल्कुल आधारविहीन बताया है। बोर्ड ने वायरल खबर पर कहा कि यह पूरी तरह से गलत है और मंत्रालय और सीबीएसई के बीच किए गए किसी भी कम्युनिकेशन में इसका कोई आधार नहीं है।
गौरतलब है कि अगस्त में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए लाए गए एनसीएफ में सिफारिश की गई थी कि छात्रों को एकेडमिक वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिसमें केवल बेस्ट अंक ही रखे जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई से शैक्षणिक सत्र 2025-26 से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने की तैयारी करने को कहा था। मंत्रालय की प्रारंभिक योजना 2024-25 शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने की थी। हालांकि, इसे एक साल आगे बढ़ा दिया गया।
फरवरी में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि इस योजना को वैकल्पिक आधार पर 2025-26 शैक्षणिक वर्ष से लागू किए जाने की संभावना है। इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान ने अक्टूबर 2023 में एक साक्षात्कार में 'पीटीआई-भाषा' को बताया था कि छात्रों के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा था, ''छात्रों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह साल में दो बार (कक्षा 10वीं और 12 वीं बोर्ड) परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा। वे सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुन सकते हैं...लेकिन यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, कोई बाध्यता नहीं होगी।''
दरअसल एक बार अवसर मिलने के डर से विद्यार्थियों में होने वाले तनाव को घटाने के लिए दो बार परीक्षाओं का विकल्प पेश किया जा रहा है। अगर कोई छात्र पहली बार की परीक्षा के स्कोर से संतुष्ट नहीं है तो वह अगली बार फिर से परीक्षा में बैठ सकता है। साल की दोनों बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थियों का बेस्ट स्कोर ही लिया जाएगा। बेस्ट स्कोर के आधार पर रिजल्ट की मेरिट बनेगी।
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