CBSE , CISCE Class 12 Exam 2021: 1 जून को या इससे पहले होगा 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर अंतिम फैसला- शिक्षा मंत्री निशंक
CBSE , CISCE Class 12 Exam 2021 : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) की कक्षा 12 की परीक्षाओं पर अंतिम फैसला दो दिन के अंदर होगा। 23 मई...
CBSE , CISCE Class 12 Exam 2021 : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) की कक्षा 12 की परीक्षाओं पर अंतिम फैसला दो दिन के अंदर होगा। 23 मई 2021 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई हाई-लेवल मीटिंग के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने वीडियो संदेश में कहा था कि 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर फैसला एक जून को या इससे पहले किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि जब परीक्षाओं को स्थगित किया गया था तो आपसे कहा गया था कि एक जून को परिस्थितियों को आंकलन कर आगे का ऐलान किया जाएगा। छात्रों की सुरक्षा और उनका भविष्य उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 25 मई के बाद और एक जून से पहले या एक जून को परीक्षा के लिए तो फैसला होगा उससे अवगत करा दिया जाएगा।
डेढ़ घंटे की बहुविकल्पीय प्रश्नों वाली परीक्षा के पक्ष में राज्य:
आपको बता दें कि 23 मई को आयोजित की गई हाई-लेवल मीटिंग के बाद शिक्षा मंत्रालय ने 25 मई 2021 तक लिखित में सुझाव जमा कराने के लिए कहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी राय शिक्षा मंत्रालय को भेज दी है जिसमें से अधिकांश राज्यों ने सरकार की ओर से दिए गए प्रस्ताव बी यानी डेढ़ घंटे की परीक्षा जिसमें 19 मुख्य विषयों के ही पेपर होंने हैं उसके लिए सहमति जताई है। बाकी विषयों का मूल्यांकन मुख्य विषयों में प्रदर्शन के अनुसार किया जाएगा।
हालांकि अभी इस पर आधिकारिक घोषणा के बाद ही स्थिति स्पष्ठ होगी क्योंकि आईसीएससीई ने 12वीं छात्रों के बारे में स्कूलों से सूचनाएं मांगी है। ऐसे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन आपको बता कि सरकार ने राज्यों के सामने जिस प्रकार से परीक्षाओं को लेकर दो प्रस्ताव रखे थे उनके आधार पर 12वीं की परीक्षाएं जरूर होंगी। भले ही कम विषयों और कम समय वाली परीक्षाएं हों।
इससे पहले कोरोना को देखते हुए परीक्षाओं को रद्द कर वैकल्पिक मूल्यांन पद्धति से रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे कुछ छात्रों ने सरकार को वैकल्पिक मूल्यांकन को लेकर अपने सुझाव भी दिए थे।
ला मार्टिनियरी गर्ल्स कॉलेज की स्टूडेंट्स अचिंत मारवा ने कहा, 'CISCE को कुछ ऐसे आइडियाज लेकर आने चाहिए जिसेस स्टूडेंट्स की विषय के प्रति समझ का पता चल सके। उदारण के तौर पर स्टूडेंट्स का वीडियो कॉल से सब्जेक्ट वाइज इंटरव्यू लिया जा सकता है। इससे किसी टॉपिक पर उसकी समझ के स्तर का अच्छे से पता चल जाएगा।'
जीडी गोयनका स्कूल, लखनऊ की छात्रा नंदिनी ने कहा, 'अगर परीक्षाएं होतीं हैं तो इसके लिए सुरक्षित विकल्प निकाला जाना चाहिए। परीक्षा बहुत जरूरी है लेकिन स्वास्थ्य की कीमत पर ये नहीं लीं जा सकतीं। बहुत से ऐसे छात्र हैं जिन्होंने कोरोना में अपने नाते-रिश्तेदारों को खो दिया। वह परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हैं। हालांकि अभी स्थिति सुधरने लगी है लेकिन अगर लाखों स्टूडेंट्स घर से बाहर निकलेंगे तो फिर से एक माह पहले जैसी स्थिति हो जाएगी। यह सोचना बहुत आसान है कि कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करके एग्जाम कराए जाएंगे लेकिन प्रैक्टिकली ऐसा नहीं हो पाता।'
हालांकि एक अन्य छात्र आदित्य सक्सेना ने ऑफलाइन एग्जाम का समर्थन किया। आदित्य ने कहा, 'मैं परीक्षा केंद्र जाकर एग्जाम देना चाहूंगा। एक भाषा और तीन विषयों के पेपर अच्छा ऑप्शन रहेगा। 90 मिनट के पेपर में मल्टीपल च्वॉइस प्रश्न वाला विकल्प अच्छा रहेगा।'
सेंट फ्रांसिस कॉलेज के छात्र केशव रस्तोगी ने कहा, '12वीं की परीक्षाएं रद्द नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ये छात्र के जीवन में अहम भूमिका निभाती हैं। इसके रद्द होने से साल भर की मेहनत खराब जाएगी।'
स्टडी हॉल के स्टूडेंट्स के मयूर मयंक ने कहा, 'केवल मुख्य विषयों की परीक्षा होनी चाहिए। तीन से ज्यादा पेपर नहीं होने चाहिए। शेष विषयों के मार्क्स इंटरनल असेसमेंट से लग जाने चाहिए। पेपर तीन घंटे की बजाय 2 घंटे का होना चाहिए।''
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