Hindi Newsकरियर न्यूज़CBSE 12th Exam 2021: Mixed response to cancellation of central board of secondary education 12th board exam

CBSE 12th Exam 2021: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने को लेकर आई स्कूल संगठन और कुछ स्कूलों के प्रिंसिपल की मिलीजुली प्रतिक्रिया

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद करने के निर्णय के बाद देर शाम द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने भी 12वीं बोर्ड परीक्षा रद करने का निर्णय लिया है।...

Anuradha Pandey प्रमुख संवाददाता, नई दिल्लीWed, 2 June 2021 02:25 AM
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद करने के निर्णय के बाद देर शाम द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने भी 12वीं बोर्ड परीक्षा रद करने का निर्णय लिया है। सीआईएससीई के महासचिव गैरी अराथून ने बताया कि हम लोग भी 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद कर रहे हैं। परीक्षा परिणाम को लेकर नीति जल्द ही तय की जाएगी।
बोर्ड परीक्षा रद करने को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है। स्कूल संगठन व कुछ स्कूलों के प्रिंसिपल ने जहां इसे सही समय पर लिया गया संतुलित निर्णत बताया है वहीं कुछ छात्र व स्कूल प्रिंसिपलों ने इस पर असहमति जाहिर की है।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और यह कहा है कोविड को देखते हुए यह सही निर्णय है। डीयू के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो.राजीव गुप्ता ने का कहा है कि हम यह भी देख रहे हैं कि सीबीएसई परीक्षा परिणाम को लेकर क्या निर्णय लेता है।
एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल के जनरल सेक्रेटरी भरत अरोड़ा का कहना है कि छात्रों की सुरक्षा स्वास्थ्य को देखते हुए  लिया गया यह निर्णय स्वागत योग्य है।
माउंट आबू पब्लिक स्कूल रोहिणी की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा ने भी इस निर्णय पर खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि वर्तमान समय की असामान्यता और अनिश्चितता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्णय का स्वागत है। मुझे यकीन है कि सीबीएसई जल्द ही पूरे भारत में छात्रों के हित में एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंड लाएगा। निस्संदेह, इसने अंतहीन चर्चाओं और अटकलों पर विराम लगा दिया है और छात्रों के लिए एक बड़ी राहत है।
हालांकि विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल मयूर विहार के प्रिंसिपल डा.सतवीर शर्मा इससे असमत हैं। उनका कहना है कि 12वीं के बच्चों की परीक्षा ना होना यह बच्चों के भविष्य के हित में नहीं है क्योंकि 12वीं के बाद बच्चों को अलग-अलग जगह के कॉलेजों में दाखिला लेना होता है वह पूरे जीवन में यह महसूस होगा कि हमारा रिजल्ट प्रमोशन से हुआ है।
बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के इस निर्णय से विद्यार्थियों और अभिभावकों के सामने मामला स्पष्ट हो गया है और सभी का तनाव भी कम हुआ है। हालांकि किसी विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिहाज से कक्षा

शिशिर जयपुरिया, चेयरमैन, सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस का कहना है कि बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय स्पष्ट रूप से विद्यार्थियों और शिक्षकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के हित में लिया गया है। अधिकतर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं की अनिश्चितता से वे सभी चिंतित और घबराए हुए थे। लेकिन अब हमारे सामने अगली चुनौती इन विद्यार्थियों का निष्पक्ष और विश्वसनीय शैक्षिक मूल्यांकन का मानक कायम करने का है। 

चारु वाही, प्राचार्य, निर्मल भारतीया स्कूल का कहना है कि यह निर्णय बच्चों के हित में लिया गया है। हालांकि इसके बाद की प्रक्रिया भी बराबर महत्व की है और बच्चों के मूल्यांकन का मानक तय करने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें यह ध्यान रखना होगा कि बहुत-से बच्चे अंतिम चरण की तैयारी तक तन-मन से करते हैं और इसलिए उन्हें इसका उचित लाभ दिया जाना चाहिए।
 

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