सीबीएसई 10वीं की परीक्षा रद्द होने से कई छात्र निराश, जानें क्या हैं इनके ऐतराज
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने और 12वीं की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने के फैसले के बाद अभिभावकों छात्रों की मिली जुली प्रतिक्रिया है। हालांकि स्वास्थ्य और...
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने और 12वीं की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने के फैसले के बाद अभिभावकों छात्रों की मिली जुली प्रतिक्रिया है। हालांकि स्वास्थ्य और सुरक्षा को सबने प्राथमिकता दी है। 12वीं के छात्र जहां परीक्षा में देरी को बेहतर मान रहे हैं वहीं 10वीं के छात्रों के मन में यह चिंता है कि किस आधार पर उनको उत्तीर्ण किया जाएगा। जब परीक्षा नहीं होगी तो मूल्यांकन का आधार क्या होगा। इस बाबत सीबीएसई ने भी कुछ स्पष्ट नहीं किया है। 10वीं के छात्रों को उत्तीर्ण करने का आधार क्या होगा, इसको लेकर स्कूलों को भी सीबीएसई के निर्देशों का इंतजार है। ज्ञात हो कि इस बार पूरे देश में 10वीं में लगभग 21.5 लाख तथा 12वीं में लगभग 14 लाख छात्रों ने नामांकन कराया है।
सीबीएसई के एक अधिकारी का कहना है कि इस दिशा में वर्कआउट करने बाद साझा किया जाएगा। वहीं एक निजी स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि 10वीं के बोर्ड के छात्रों को उत्तीर्ण करने का आधार कई हो सकते हैं। प्री बोर्ड परीक्षा, इंटरनल असेसमेंट, प्रैक्टिकल। बस बोर्ड यह तक करे कि किसके लिए कितना वेटेज दिया जाना है। उसी के आधार पर परिणाम निकाला जा सकता है।
10वीं में सेंट थॉमस स्कूल में पढ़ने वाली रितिका शर्मा का कहना है कि 10वीं की परीक्षा रद्द करने का मुझे नुकसान हुआ है। जब सबको एक साथ पास कर देंगे तो फिर पढ़ाई का मतलब क्या है। हालांकि कोविड को लेकर उन्होंने भी चिंता जताई। एक अन्य निजी स्कूल के छात्र का कहना है कि 10वीं की परीक्षा में हमें कैसे उत्तीर्ण किया जाएगा इसको लेकर हम लोगों के मन में चिंता है। 10वीं की प्री बोर्ड परीक्षा एक तरह से बोर्ड परीक्षा की तैयारी ही है लेकिन इसे बोर्ड परीक्षा की तरह छात्र नहीं देते हैं। सीबीएसई इसका मूल्यांकन कैसे करेगी। इसका इंतजार है।
एक अन्य छात्र ने कहा, 'ज्यादा मेहनत करने वालो छात्रों और कम मेहनत करने वाले छात्रों को एक जैसे ग्रेड या मार्क्स नहीं दिए जा सकते। ये गलत है। फिर हमारी कड़ी मेहनत का क्या फायदा हुआ?'
सीमापुरी के गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल में पढ़ाई करने वाली एक छात्रा ने बताया कि ऐसे समय में जब कोविड के कारण स्थिति गंभीर है। लोगों की जान से बढ़कर कुछ नहीं है। 12वीं की परीक्षा यदि स्थगित हुई है तो एक तरह से यह बेहतर ही है। क्योंकि हमें और तैयारी का मौका मिल जाएगा।
माउंट आबू पब्लिक स्कूल रोहिणी की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा का कहना है कि वर्तमान की स्थिति को देखते हुए 10वीं की परीक्षा रद्द करने और 12वीं की परीक्षा टालने का निर्णय एक संतुलित निर्णय है। यह छात्रों के हित में है। सभी स्कूल चलाने वाले लोग इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई को धन्यवाद देते हैं।
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