CBSE 10th 12th Board Exams 2022: सीबीएसई ने Covid-19 महामारी को देखते हुए दिए हैं ये चार समाधान, पढ़ें 5 खास बातें
CBSE 10th 12th Board Exams 2022:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों को राहत देते हुए बोर्ड परीक्षा को दो भागों में आयोजित करने का निर्णय लिया है। सीबीएसई ने कहा कि अकादमिक सत्र...
CBSE 10th 12th Board Exams 2022:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों को राहत देते हुए बोर्ड परीक्षा को दो भागों में आयोजित करने का निर्णय लिया है। सीबीएसई ने कहा कि अकादमिक सत्र को 50-50 फीसदी के पाठ्यक्रम में बांटा जाएगा। पहले टर्म की परीक्षा नवंबर-दिसंबर में आयोजित होगी जबकि दूसरे टर्म की मार्च-अप्रैल में। पहले टर्म में आयोजित होने वाली परीक्षा 90 मिनट की होगी और इसका जवाब ओएमआर शीट पर देना होगा जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा 2 घंटे की होगी यह सब्जेक्टिव होगी। कक्षा 9 और 11 की इंटरनल असेसमेंट पूर्व की भांति ही होंगे। सीबीएसई ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए दिए चार समाधान
1.बोर्ड ने कहा है कि यदि महामारी की स्थिति में सुधार होता है और छात्र स्कूल या केंद्र पर जाकर परीक्षा देता है तो बोर्ड दोनों टर्म की परीक्षाएं स्कूल या केंद्र पर कराएगा। थ्योरी के अंक समान रूप से दोनों परीक्षाओं में विभाजित होगी।
2.यदि केवल नवंबर दिसंबर में महामारी के कारण स्कूल बंद रहता है तो छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा घर से देंगे। लेकिन अगर दूसरे टर्म में स्थिति सामान्य होती है और छात्र मार्च- अप्रैल में स्कूल आ जाते हैं और केंद्र पर आकर परीक्षा देते हैं तो फाइनल परिणाम में पहले टर्म की परीक्षा का वेटेज कम कर दिया जाएगा। जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा का वेटेज बढ़ा दिया जाएगा।
3.यदि महामारी की स्थिति के कारण मार्च अप्रैल में छात्र घर से परीक्षा देता है जबकि पहले टर्म की एमसीक्यू आधारित परीक्षा वह नवंबर-दिसंबर में स्कूल या परीक्षा केंद्र से दे चुका है तो उसको पहले टर्म के अंक और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम बनेगा। इसमें छात्र को पहले टर्म की परीक्षा के अंक पर वेटेज मिलेगा।
4.अगर सत्र 2021-22 में महामारी की स्थिति के स्कूल पूरी तरह बंद करने की स्थिति आती है और स्कूल पहले और दूसरे टर्म की परीक्षा नहीं ले पाता है। ऐसी स्थिति में परिणाम आंतरिक मूल्यांकन, प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट, इंटरनल थ्योरी मार्क्स, पहले और दूसरे टर्म की घर से परीक्षा के अलावा मूल्यांकन की वैधता और विश्वसनीयता के लिए अन्य उपाय किए जाएंगे।
5.सीबीएसई के इस निर्णय पर माउंट आबू पब्लिक स्कूल रोहिणी की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा का कहना है कि सीबीएसई के इस निर्णय से महामारी की स्थिति में छात्रों, अभिभावकों व स्कूलों के मन में जो सवाल थे उन सब का समाधान सीबीएसई ने दिया है। सीबीएसई के निदेशक (शिक्षण) जोसेफ इमैनुएल ने इस बाबत सर्कुलर जारी किया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षण सत्र 2021-22 के लिए पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत तरीके से दो टर्म में बांटा जाएगा, इसके लिए विषयों के विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी। बोर्ड ने आपातकालीन स्थिति में भी अलग से प्लान बनाया है। ऐसा पहली बार है जब सीबीएसई ने अकादमिक सत्र को इस तरह बांटा है और पाठ्यक्रम के अनुसार दो मोड में परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। पहले टर्म की एमसीक्यू परीक्षा में ओएमआर शीट उसी दिन अपलोड हो जाएगी और उसी दिन विषय के परिणाम भी आ सकते हैं। जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा में बोर्ड परीक्षा केंद्र तय करेंगे। इसमें केस आधारित, स्थिति आधारित तथा लघु उत्तरीय व दीर्घ उत्तरीय सवाल पूछे जाएंगे। बोर्ड ने यह भी कहा है कि यदि स्थिति सामान्य नहीं होती है तो दूसरे टर्म की परीक्षा भी पहले टर्म की तरह बहु विकल्पीय सवालों के माध्यम से ली जा सकती है।
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