फेल छात्रों को दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकते
नौंवी से 12वीं कक्षा तक में लगातार दो बार फेल होने वाले छात्रों को उच्च न्यायालय के अगले आदेश तक नियमित स्कूल में दाखिला दिए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने सोमवार को 20 सितंबर...
नौंवी से 12वीं कक्षा तक में लगातार दो बार फेल होने वाले छात्रों को उच्च न्यायालय के अगले आदेश तक नियमित स्कूल में दाखिला दिए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने सोमवार को 20 सितंबर के अपने अंतरिम आदेश को बहाल रखा। न्यायालय ने अंतरिम आदेश में दिल्ली सरकार के उस सर्कुलर पर रोक लगा दी थी जिसके तहत दो बार फेल होने वाले छात्रों को नियमित स्कूलों में दाखिला नहीं दिए जाने का प्रावधान किया गया था।
जस्टिस राजीव शकधर ने सोमवार को कहा कि इस मामले में याचिका पर फैसला आने तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने मामले की सुनवाई 15 मई तक स्थगित कर दी। पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि यह काफी गंभीर मामला है क्योंकि हर कोई सर्कुलर के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटा नहीं सकता। उच्च न्यायालय ने शैयद मोहम्मद उमर की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल द्वारा दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया था।
याचिका में उन्होंने सरकार के 2018 में उस सर्कुलर को रद्द करने की मांग की है जिसके तहत दो बार फेल होने वाले छात्रों को नियमित स्कूलों में दाखिला पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अधिवक्ता अग्रवाल ने न्यायालय को बताया था कि याचिकाकर्ता के दो बेटे 9वीं कक्षा में फेल हो गए हैं और अब सरकार उनको नियमित स्कूल में दाखिला नहीं दे रहे हैं। उन्होंने इसे शिक्षा के अधिकार व संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन बताया है।
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