कैबिनेट फैसला: यूपी जल निगम के 267 कर्मचारी निकायों में होंगे समायोजित
राज्य सरकार जल निगम (नगरीय) की खराब माली हालत को देखते हुए फील्ड में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के 267 कर्मियों को निकायों के रिक्त पदों पर समायोजित करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता
राज्य सरकार जल निगम (नगरीय) की खराब माली हालत को देखते हुए फील्ड में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के 267 कर्मियों को निकायों के रिक्त पदों पर समायोजित करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। इसके पहले 1238 कर्मियों को समायोजित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) एक निगमित निकाय है। इसका मुख्य काम प्रदेश में जलापूर्ति व जलोत्सारण सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जल निगम की आय का मुख्य स्रोत सेंटेज है। इससे प्राप्त आय से निगम के कर्मियों के वेतन भत्ते और सेवा संबंधी अन्य देयों का भुगतान किया जाता है। जल निगम (नगरीय) की वर्तमान में आर्थिक स्थिति काफी खराब है। इसके कारण इनमें कार्यरत कर्मियों को पिछले चार महीनों से वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जल निगम (नगरीय) की आर्थिक स्थिति दिनों-दिन खराब होती जा रही है।
इसीलिए जल निगम (नगरीय) में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को नगर निगमों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियोजित करने का फैसला किया गया है। निकायों में समायोजित किए जाने के बाद इन कर्मियों के वेतन में बाधा नहीं आएगी और लगातार इन्हें वेतन मिलता रहेगा।
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