जेई के 6379 पदों पर भर्ती में सरकारी पॉलिटेक्निक के छात्रों का 40 प्रतिशत कोटा खत्म
कोर्ट ने माना कि सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसदी सीट सुरक्षित रखना सही नहीं है। कोर्ट का कहना था कि सभी पॉलिटेक्निक छात्र एक समान पढ़ाई करते हैं।
बिहार के सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थाओं से पास छात्रों को नौकरी में 40 प्रतिशत सुरक्षित सीट का लाभ नहीं मिलेगा। मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने बिहार जल संसाधन विभाग सबऑर्डिनेट इंजीनियरिंग कैडर बहाली नियमावली के नियम 4 (ए) को निरस्त कर दिया। साथ ही कोर्ट ने नये सिरे से चयन व मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है। कोर्ट का कहना था कि एआईसीटीयू तथा बिहार राज्य तकनीकी संस्था से मान्यता प्राप्त सभी संस्थानों से डिप्लोमाधारी छात्रों का चयन व मेधा सूची तैयार करने का आदेश दिया। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने करीब एक दर्जन रिट याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया।
पटना हाईकोर्ट र्ने ने जूनियर इंजीनियर की बहाली के लिए सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज से पास छात्रों को 40 प्रतिशत सीट सुरक्षित रखते हुए जल संसाधन विभाग की ओर से जारी 7 नवम्बर 2017 सहित राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बहाली के लिए 3 मार्च 2019 बिहार तकनीकी सेवा आयोग की ओर से जारी 8 मार्च 2019 तथा पंचायती राज विभाग की ओर से जारी 3 अगस्त 2018 के विज्ञापन को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई की।
कोर्ट ने माना कि सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसदी सीट सुरक्षित रखना सही नहीं है। कोर्ट का कहना था कि सरकारी व गैर सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में राज्य के सभी पॉलिटेक्निक छात्र एक समान पढ़ाई करते हैं। सिर्फ सरकारी कॉलेजों से डिप्लोमा कोर्स किये जाने पर 40 फीसदी सीट सुरक्षित रखना कानूनन सही नहीं है।
कोर्ट ने संशोधित नियमावली के नियम 4(ए) को निरस्त कर दिया। साथ ही नये सिरे से चयन व मेधा सूची तैयार करने का आदेश दिया। गौरतलब है कि करीब 6379 कनीय अभियंता (असैनिक/ यांत्रिक/ विद्युत) की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था।
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