BTech वालों का यूपीएससी रिजल्ट में जलवा, इंजीनियर कर रहे समाजशास्त्र समेत इन विषयों का चयन, CSAT के चलते रुझान बढ़ा
UPSC CSE result 2024 : यूपीएससी सिविल परीक्षा में इंजीनियरिंग बैकग्राउण्ड वाले छात्रों ने भी अच्छे अंक अर्जित करने के लिए समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र समेत भूगोल, मनोविज्ञान को तरजीह दी।
UPSC CSE result 2024 : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल परीक्षा में सही वैकल्पिक विषय का चयन भी सफलता का कारण है। यूपीएससी 2023 के परीक्षा में परिणाम में भी देखने को मिला कि इंजीनियरिंग बैकग्राउण्ड वाले छात्रों ने भी अच्छे अंक अर्जित करने के लिए समाजशास्त्रत्त्, राजनीति शास्त्रत्त् और अन्तरराष्ट्रीय सम्बंध समेत भूगोल, मनोविज्ञान, दर्शन शास्त्रत्त् व अन्य विषयों को तरजीह दी। जिसका नतीजा रहा कि सिर्फ लखनऊ में टॉप टेन सफल अभ्यर्थियों में 50 फीसदी से अधिक इंजीनियरिंग की डिग्री वाले हैं।
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा-2023 में टॉप करने वाले उम्मीदवार आदित्य श्रीवास्तव का बैकग्राउंड इंजीनियरिंग से है। उन्होंने आईआईटी कानपुर से बीटेक-एमटेक ड्युअल डिग्री हासिल की है। इसी तरह 10वीं रैंक लाने वाली ऐश्वर्यम प्रजापति ने एनआईटी उत्तराखंड, 38वीं रैंक पाने वाले अनिमेष वर्मा ने आईआईटी दिल्ली, 118वीं रैंक प्राप्त करने वाले सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने आईआईटी बीएचयू और 212वीं रैंक पर काबिज अमितेज ने आईआईटी दिल्ली और 416वीं रैंक वाले आदित्य ह्रदय उपाध्याय ने आईआईटी रूड़की से बीटेक किया है। 197वीं रैंक लाने वाले मृणाल कुमार ने भी बीटेक केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। दसवीं रैंक अर्जित करने वाली ऐश्वर्यम ने वैकल्पिक विषय में समाजशास्त्र का चयन किया। उनका मानना है समाजशास्त्रत्त् में अच्छा स्कोर होता है। 15 वीं रैंक के साथ सफल कुणाल रस्तोगी ने राजनीतिशास्त्रत्त्, अन्तरराष्ट्रीय सम्बंध का चयन किया।
सीएसएटी की वजह से विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा
यूपीएससी ने वर्ष 2011 में सिविल सर्विसेस एप्टीट्यूट टेस्ट (सीएसएटी) को लागू किया था। जिसकी वजह से इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों का इस तरफ रूझान बढ़ा है। इससे पहले सिविल सेवा परीक्षा कोठारी कमिशन की रिपोर्ट के आधार पर आयोजित की जाती थी। इसके तहत जनरल स्टडी का पेपर 150 अंक और ऑप्शनल सब्जेक्ट का पेपर 300 नंबर का होता था। वहीं इसमें बदलाव करके यूपीएससी ने आईएएस प्रीलिम्स की परीक्षा में सीएसएटी का फॉर्मेट लागू किया। इसका लक्ष्य उम्मीदवार की लॉजिकल रीजनिंग, एनालिटिकल एबिलिटी और इंग्लिश लैंग्वेज का स्किल टेस्ट करना था। यूपीएससी की इस परीक्षा में दो अनिवार्य पेपर सीएसएटी प्रथम और सीएसएटी द्वितीय है। दोनों में 200-200 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं। जो उम्मीदवार ह्युमैनिटी से आए हैं उनकी शिकायत है कि सीएसएटी को इस परीक्षा में टेक्नोक्रेट की सिफारिश पर टेक्निकल बैकग्राउंड के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए शामिल किया गया है। सीएसएटी का सारा ढांचा जीमैट, कैट, एक्सएटी और एमबीए एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर तैयार किया है। जिससे इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आए विद्यार्थियों के चयन का प्रतिशत बढ़ा है।
2010 से देखी जा रही इस चलन में बढ़ोतरी
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले इंजीनियर्स की संख्या में वर्ष 2010 से वृद्धि देखी गई है। जबकि 2015 में यह परीक्षा पास करने वाले सबसे ज्यादा 102 उम्मीदवार इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से मिले।
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