BSSC: चार वर्ष से 18 लाख छात्र हैं परीक्षा के इंतजार में, सीबीसीएस में संशोधन प्रस्ताव को कमेटी गठित
चार साल से अधिक समय से राज्य के साढ़े 18 लाख परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में अटका हुआ है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने इंटर स्तरीय परीक्षा कराने के लिए वर्ष 2014 में अभ्यर्थियों से आवेदन लिया था। यह...
चार साल से अधिक समय से राज्य के साढ़े 18 लाख परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में अटका हुआ है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने इंटर स्तरीय परीक्षा कराने के लिए वर्ष 2014 में अभ्यर्थियों से आवेदन लिया था। यह परीक्षा अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा वर्ष 2016 में ली गई थी। इसकी दो चरणों की परीक्षा ली गयी थी। दोनों चरणों की परीक्षा का पेपर लीक हो गया था।
डेटा मिलने के बाद ही इम्तिहान संभव : अध्यक्ष
पेपर लीक कराने के मामले में आयोग के अध्यक्ष और सचिव जेल में हैं। जांच के क्रम में आयोग का पूरा डेटा एसआईटी ने जब्त कर लिया। यह डेटा अब तक जब्त है। आयोग कोर्ट में डेटा के लिए कई बार आवेदन दे चुका है। पर अब तक डेटा प्राप्त नहीं हो सका है। इस वजह से परीक्षा अटकी हुई है। आयोग और कोर्ट के चक्कर में पूरा मामला फंसा हुआ है। परीक्षा को आयोजित कराने के लिए एक और समस्या आ रही है। इतने परीक्षार्थियों का परीक्षा कराने के बाद स्ट्रांग रूम की व्यवस्था करनी होती है। बिना स्ट्रांग रूम के परीक्षा संभव नहीं है। आयोग की ओर से पहले बीसीईसीई के स्ट्रांग रूम का इस्तेमाल किया जाता था। पर इसबार बीसीईसीई की ओर से स्ट्रांग रूम देने से इंकार कर दिया गया है। सबसे बड़ा सवाल है कि परीक्षा के बाद सभी जिलों से जो ओएमआरशीट आएगी। उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखना होता है। आयोग के अनुसार पिछली बार राज्यभर में 742 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। प्रत्येक केन्द्र से कम से कम तीन से चार बक्सा आता है। चार चरणों की परीक्षा के बाद अगर बक्सों की संख्या जोड़ा जाए तो 8 हजार से ज्यादा हो जाएगी। इतनी संख्या में बक्से कहां रखे जाएंगे। इसी का इंतजाम नहीं हो सका है। .
पटना। राजभवन ने च्वाइस बेस्ड क्रेटिड सिस्टम (सीबीसीएस) रेगुलेशन एवं ऑर्डिनेंस की समीक्षा कर आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव देने के लिए तीन कुलपतियों की कमेटी गठित की है। कमेटी में बीएन मंडल मधेपुरा, तिलकामांझी भागलपुर और एलएन मिथिला विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हैं। राज्यपाल सह कुलाधपति लालजी टंडन के आदेश से राजभवन के अवर सचिव द्वारा जारी आदेश में इस कमेटी को गठन के 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का आग्रह किया गया है। गौरतलब हो कि सीबीसीएस राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर इसी सत्र से लागू किया गया है।.
बीएसएससी के अध्यक्ष संजीव सिन्हा ने बताया कि इंटर स्तरीय परीक्षा का डेटा जब्त है। इसका डेटा प्राप्त नहीं हो सका है। डेटा मिलने के बाद ही परीक्षा संभव है। हम लोग अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं। कोर्ट में डेटा के लिए आवेदन दिया गया है।.
आयोग ने कई बार परीक्षा की संभावित तिथि निकाली, पर कुछ नहीं हो सका है। आयोग की उदासीनता की वजह से परीक्षार्थी परेशान हैं। परीक्षा की कोई जानकारी नहीं मिलने से लाखों अभ्यर्थी परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में बिहार कर्मचारी चयन आयोग की इंटर स्तरीय परीक्षा पर एक बार फिर ग्रहण लगता दिख रहा है।
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