BSSC CGL Result 2023: बिहार सीजीएल मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी, 2464 अभ्यर्थियों का चयन
BSSC CGL Result 2023: पटना हाईकोर्ट की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने सीजीएल मेन्स का रिजल्ट जारी कर दिया। परीक्षार्थी bssc.bihar.gov.in पर जाकर अपना परिणाम देख सकते हैं।
पटना हाईकोर्ट की ओर से तृतीय स्नातक स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने सीजीएल मेन्स का रिजल्ट जारी कर दिया। परीक्षार्थी bssc.bihar.gov.in पर जाकर अपना परिणाम देख सकते हैं। 2248 वैकेंसी के लिए मेरिट अनुसार कोटिवार कुल 2464 अभ्यर्थी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए चयनित किए गए हैं। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पटना में होगा जिसका शेड्यूल जल्द ही आयोग की वेबसाइट पर जारी होगा।
इससे पहले सोमवार को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सीजीएल प्रारंभिक परीक्षा को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। साथ ही बेवजह केस दायर किये जाने को लेकर कोर्ट ने याचिकाकर्ता एक महिला पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने जुर्माना राशि बिहार स्टेट लीगल सर्विस ऑथॉरिटी के पास जमा कराने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद मुख्य परीक्षा के परिणाम प्रकाशित करने का रास्ता साफ हो गया।
प्रिया कुमारी व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मंगलवार को अपना 26 पन्ने का आदेश दिया। कोर्ट ने गत दिनों सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम ने बताया कि गत वर्ष 6 दिसम्बर को छह विभिन्न सेवाओं के लिए 2187 पद पर बहाली का विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इसकी प्रारंभिक परीक्षा गत वर्ष 23 व 24 दिसम्बर को हुई थी। जबकि मुख्य परीक्षा 23 जुलाई को ली गई थी।
प्रारंभिक परीक्षा की पहली पाली का पर्चा लीक हो गया था। उनका कहना था कि दूसरी पाली की परीक्षा का पर्चा लीक होने की कोई सूचना नहीं मिली। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया में पर्चा लीक होने की जानकारी मिलने के बाद आयोग ने इओयू में प्राथमिकी दर्ज कराई। कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया और कुछ से पूछताछ की गई। बाद में आयोग ने 23 दिसम्बर को प्रथम पाली की परीक्षा को रद्द कर दिया।
बीएसएसी के अधिवक्ता का कहना था कि 24 दिसम्बर को तीसरे चरण में एक छात्र ने 12 बजकर 14 मिनट पर प्रश्न पत्र को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जबकि परीक्षा 12 बजकर 15 मिनट पर समाप्त हो गई। परीक्षा समाप्त होने के मात्र एक मिनट पहले प्रश्न पत्र लीक हुआ। उनका कहना था कि प्रथम चरण की परीक्षा को छोड़ बाकी परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। लेकिन पूरे परीक्षा को रद्द करने के लिए केस दायर किया गया है। परीक्षा रद्द कर फिर से परीक्षा लेने की स्थिति में बेवजह राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पीटी परीक्षा समाप्त होने के बाद 31 दिसम्बर को एक कमेटी का गठन किया गया। लेकिन कमेटी ने इसमें कोई तथ्य नहीं पाया। उन्होंने बताया कि मुख्य परीक्षा हो गयी है, जिसका परिणाम प्रकाशित होना है।
आवेदकों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद आयोग इसे मानने को तैयार नहीं था। बाद में छात्रों के काफी हल्ला के बाद आयोग ने पहली पाली की परीक्षा को रद्द किया। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने कहा कि केस दायर करने वाली महिला इस परीक्षा की उम्मीदवार नहीं थी। सिर्फ सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते केस दायर करना जायज नहीं है। कोर्ट ने 50 हजार रुपये के जुर्माना के साथ सभी याचिका को खारिज कर दिया।
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