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Bihar Board 10th Result 2019 : टाॅपर मधु की आंखों में डॉक्टर बनने का सपना, जानिए क्या बनना चाहती हैं ये बेटियां

चार साल पहले कैंसर की वजह से दादी की मौत हो गई थी। अगर समय रहते इलाज शुरू हो जाता तो दादी की जान बचायी जा सकती थी। दादी के पहले छोटा भाई भी बीमारी की वजह से दुनिया से चला गया। आज भी गांव में कोई...

पटना धनरुआ | हिन्दुस्तान टीम Sun, 7 April 2019 11:50 AM
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चार साल पहले कैंसर की वजह से दादी की मौत हो गई थी। अगर समय रहते इलाज शुरू हो जाता तो दादी की जान बचायी जा सकती थी। दादी के पहले छोटा भाई भी बीमारी की वजह से दुनिया से चला गया। आज भी गांव में कोई बीमार पड़ता है तो सोचना पड़ता है कि शहर में ले जाकर कैसे दिखाएं। इसलिए मैंने तय किया है कि पढ़-लिखकर डॉक्टर बनूंगी। यह कहना है पटना जिले की टॉपर मधु का।

मधु कहती है कि गरीबों के लिए पढ़ाई ही असली हथियार हो सकता है। मधु ने केआरएम हाई स्कूल, नेतौल से मैट्रिक की परीक्षा पास की है। उसको 470 अंक मिले हैं। वह बताती है कि वह चार बहन और एक भाई है। दीदी ने भी अच्छे नम्बरों से मैट्रिक पास की। हम बहनों पर पूरा गांव फख्र करता है। उसकी मां प्रीति अपनी बेटी की कामयाबी पर भावुक हो गईं। जिला टॉपर होने की खबर शनिवार को दोपहर 3:30 बजे मिली, उन्होंने तत्काल मोबाइल से पटना में रह रहे सत्येंद्र मिस्त्री को दी। 

बढई हैं पिता : मूल रूप से कादिरगंज थाना के पकौड़ा डीह ग्रामवासी सत्येंद्र मिस्त्री ने अपने बच्चों की पढ़ाई की खातिर नेतौल बाजार में ही कुछ साल पूर्व खपरैल मकान बना लिया था। सत्येंद्र मिस्त्री पेशे से बढ़ई हैं और वे पटना में घूम-घूमकर लकड़ी का काम करते हैं।

हर विषय एक घंटे पढ़ती थी निभा
खुसरूपुर। प्रखंड के हरदासबीघा गांव के लोग फूले नही समा रहे हैं। परिवार के लोग बेटी की सफलता पर झूम रहे हैं। दरअसल, गांव के साधारण परिवार के विजय महतो की बेटी निभा कुमारी ने मैट्रिक परीक्षा में पटना जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। निभा 463 अंक लाकर संध्या के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रही।

निभा का सपना चिकित्सक बनने का है। वह बताती है कि उसने कड़ी मेहनत की। हर विषय की तैयारी में वह रोज एक घंटे का समय देती थी। इस परिणाम का श्रेय वह अपने शिक्षक मनोज कुमार रौशन एवं माता-पिता को देती है। निभा ने गांव के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय हरदासबीघा से पढ़ाई की। गांव से छह किलोमीटर दूर फतुहा के एक निजी कोचिंग में भी पढ़ती थी। विजय महतो गांव में किराना दुकान चलाते हैं। पत्नी संगीता देवी गृहिणी हैं। विजय महतो को पांच संतान हैं। निभा चौथे नंबर पर है। उसे तीन भाई और दो बहने हैं। 

सेल्फ स्टडी से फायदा : संध्या
पटना। रवींद्र बालिका उच्च विद्यालय, राजेंद्र नगर की छात्रा संध्या कुमारी ने पटना जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। संध्या को मैट्रिक परीक्षा में 463 अंक मिले हैं। संध्या अपनी सफलता का राज सेल्फ स्टडी को बताती हैं। संध्या के माता-पिता दोनों शिक्षक हैं।

संध्या कहती हैं कि शिक्षक मम्मी-पापा ने समय-समय पर जरूरी टिप्स दिए। इससे परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिली। मैंने स्कूल की पढ़ाई नियमित रूप से की। परीक्षा के दो महीने पहले तक हर रोज चार से पांच घंटे तक पढ़ाई की। जब परीक्षा के एक महीने बचे तो मैं छह से सात घंटे तक पढ़ाई करने लगी। संध्या के पिता विजय कुमार कंकड़बाग के न्यू इंटरनेशनल स्कूल में प्राचार्य हैं और मां गया में सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। वह बताती है कि मुझे 80 फीसदी तक अंक आने की उम्मीद थी, लेकिन 75 फीसदी ही अंक आया है। मैं आगे मैथ लेकर पढ़ना चाहती हूं, क्योंकि मुझे इंजीनियरिंग की पढ़ाईकरनी है। 

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