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Bihar Board 10th Result 2019 : मैट्रिक marksheet और certificate में होगा बदलाव

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा कई मायने में खास रही है। समिति से उत्तीर्ण विद्यार्थियों के अंकपत्र और प्रमाणपत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा फीचर की व्यवस्था की गई...

पटना । कार्यालय संवाददाता Sun, 7 April 2019 10:25 AM
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बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा कई मायने में खास रही है। समिति से उत्तीर्ण विद्यार्थियों के अंकपत्र और प्रमाणपत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा फीचर की व्यवस्था की गई है। समिति द्वारा मैट्रिक के पत्र व प्रमाण पत्र में कई प्रकार के सिक्युरिटी फीचर्स डाले गए हैं। इसमें क्यूआर कोड डाले गए हैं। इससे इन प्रमाण पत्रों का अब दुनिया के किसी कोने से ऑनलाइन वेरिफिकेशन भी हो सकेगा। 

इस मायने में खास रही है मैट्रिक परीक्षा
वर्ष 2019 की मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में भाग लेने के लिए दोनों पालियों में परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पूर्व तक ही प्रवेश की अनुमति दी गई। परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों को जूता-मोजा की बजाए चप्पल पहनकर ही प्रवेश मिला, इससे कदाचार नहीं के बराबर हुआ। 

प्रवेश के समय दो स्तरों पर हुई जांच
छात्रों की परीक्षा कक्ष में प्रवेश के समय दो स्तरों पर जांच हुई। पहला परीक्षा केंद्र पर प्रवेश करते समय और दूसरा वीक्षक के स्तर पर परीक्षा कक्ष के अंदर परीक्षा देते समय। समिति ने इस बार प्रति 25 विद्यार्थी पर एक वीक्षक प्रतिनियुक्ति की गई थी साथ ही उन्हें घोषणा करनी थी कि उनके द्वारा 25 विद्यार्थियों की जांच कर ली गई है।  परीक्षा केंद्रों वर सीसीटीवी व वीडियोग्राफी की व्यवस्था भी हुई। केंद्रों पर ओएमआर आधारित अटेंडेंस शीट सहित विभिन्न प्रपत्रों की व्यवस्था की गई। परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर के घेरे में अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश निषेध किया गया। वर्ष 2017 व 2018 की भांति वर्ष 2019 में भी सबसे पहले चरण में रजिस्ट्रेशन करने व फॉर्म भरने की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया गया।

नयी तकनीक और फॉमूला अपनाने से आगे रहा बिहार बोर्ड
पटना। बिहार बोर्ड ने न सिर्फ समय से पहले रिजल्ट दिया बल्कि त्रुटिरहित रिजल्ट जारी किया है। 16 लाख 60 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। इसमें केवल 179 परीक्षार्थी का रिजल्ट ही पेंडिंग रहा। मैट्रिक रिजल्ट में कई नयी तकनीक और फॉर्मूला को अपनाया गया था। बोर्ड की मानें तो प्रत्येक विद्यार्थी के नाम से हर विषय में अलग-अलग कॉपी व अलग-अलग ओमएआर शीट दी गई थी। कॉपी पर परीक्षार्थी के नाम के साथ सारी जानकारी प्री प्रिंटेड था।

इससे कॉपी पर किसी तरह की त्रुटि छात्रों  द्वारा नहीं की जा सकी। वहीं मूल्यांकन के बाद सीधे कंप्यूटर के माध्यम से अंक इंट्री कर बोर्ड के आईटी विभाग के पास आता था। रिजल्ट के लिए बोर्ड की आईटी टीम ने अपना सॉफ्टवेयर तैयार किया था। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सारी उत्तरपुस्तिका को न सिर्फ सुरक्षित रखा गया बल्कि बार कोडिंग केंद्रों पर भी नजर रखी गयी। सभी बार कोडिंग केंद्र पर कंप्यूटर रखे गये थे। इसके माध्यम से कॉपी को नजर रखी जा रही थी। 

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