Bihar Board 10th Result 2019 : पटना में बेटियों ने मारी बाजी, पहले छह स्थानों पर पांच का कब्जा
मैट्रिक परीक्षा में पटना की बेटियां टॉप पर रही हैं। जिले के टॉप पांच में कुल छह परीक्षार्थियों में से पांच लड़कियां शामिल हैं। टॉप पांच में पहले, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर लड़कियों का कब्जा है।...
मैट्रिक परीक्षा में पटना की बेटियां टॉप पर रही हैं। जिले के टॉप पांच में कुल छह परीक्षार्थियों में से पांच लड़कियां शामिल हैं। टॉप पांच में पहले, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर लड़कियों का कब्जा है। इनमें से मधु कुमारी ने 470 अंक हासिल कर जिले में टॉप किया है। मधु केआरएम हाईस्कूल नटौल की छात्रा हैं। दूसरे स्थान पर एसआर हिंदू हाईस्कूल पटना सिटी के शानू कुमार हैं। उन्हें कुल 466 अंक आए हैं। तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से दो लड़कियां हैं। रवीन्द्र बालिका विद्यालय राजेंद्र नगर की संध्या कुमारी और उत्क्रमित उच्च माध्यमिक स्कूल हरदास बिगहा खुसरूपुर की निभा कुमारी को कुल 463 अंक मिले हैं। चौथे स्थान पर उत्क्रमित एमएस कन्हौली सदीसोपुर बिहटा की जूही कुमारी रही हैं। उन्हें कुल 462 अंक आए हैं। पटना के टॉप 5 में अंतिम स्थान रजनी कुमारी को मिला है।
एसएसएम आर्य कन्या हाईस्कूल में पढ़ने वाली रजनी को कुल 461 अंक मिले हैं। इस तरह जिले में टॉप करनेवालों की सूची में पहले पांच स्थान पर छह विद्यार्थी रहे हैं। पटना जिले में कुल 86.08 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफल हुए हैं। पटना में कुल उत्तीर्णता के मामले में भी बेटियों की तुलना में बेटे अधिक सफल हुए हैं। जिले में कुल 88.37 फीसदी लड़के पास हुए हैं, जबकि 83.88 फीसदी लड़कियां सफल हुई हैं। जिले में कुल तीन छात्र परीक्षा से निष्कासित हुए थे, जिसमें से दो लड़के व एक लड़की है। पूरे राज्य में सबसे अधिक प्रथम श्रेणी लाने के मामले में पटना के छात्र-छात्राओं ने सबको पछ़ाड़ दिया है। कुल 16447 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी लाने में सफल रहे हैं। प्रथम श्रेणी लाने के मामले में दूसरे स्थान पर नालंदा है। यहां 14539 छात्र-छात्राएं सफल हुए हैं। तीसरा स्थान गया का है। यहां के कुल 14189 छात्र-छात्राओं को प्रथम श्रेणी मिली है।
प्रथम श्रेणी में छात्र, तृतीय में छात्राएं अधिक पास
पटना। मैट्रिक रिजल्ट में जहां पास प्रतिशत बढ़ा है, वहीं प्रथम और तृतीय श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ी है। इस बार द्वितीय श्रेणी में पास प्रतिशत घटा है। वर्ष 2018 की तुलना करें तो 2019 में एक लाख एक हजार 340 छात्र अधिक प्रथम श्रेणी में जगह बनाए हैं। इस बार द्वितीय श्रेणी में 2018 की तुलना में 2019 का रिजल्ट खराब हुआ है। द्वितीय श्रेणी में एक लाख सात हजार 753 छात्र कम पास हुए हैं। प्रथम और द्वितीय श्रेणी में छात्र सबसे ज्यादा उत्तीर्ण हुए। वहीं तृतीय श्रेणी में छात्राएं सबसे अधिक पास हुई हैं। प्रथम श्रेणी में एक लाख 82 हजार 210 छात्र पास हुए हैं, वहीं छात्राओं की संख्या एक लाख आठ हजार 456 ही है। तृतीय श्रेणी में छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या अधिक है।
पिछले दो वर्षों का रिजल्ट
2018 का रिजल्ट
प्रथम श्रेणी 1 लाख 89 हजार 326
द्वितीय श्रेणी 6 लाख 63 हजार 884
तृतीय श्रेणी 3 लाख 55 हजार 103
2019 का रिजल्ट
प्रथम श्रेणी 2 लाख 90 हजार 666
द्वितीय श्रेणी 5 लाख 56 हजार 131
तृतीय श्रेणी 4 लाख 54 हजार 450
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