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BSc Nursing, ANM, GNM समेत विभिन्न नर्सिंग कोर्स में दाखिले की अधिकतम उम्र सीमा खत्म

नर्सिंग कोर्सेज में अधिकतम उम्र हटाने के फैसले से बड़ा असर होगा। कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इससे प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

Pankaj Vijay प्रमुख संवाददाता, मेरठTue, 22 Aug 2023 07:41 AM
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देशभर के हजारों नर्सिंग कॉलेजों में अब 60 साल की उम्र में भी नर्सिंग कोर्स की पढ़ाई की जा सकेगी। नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया (एनसीआई) ने बड़ा फैसला करते हुए एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक-बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक डिप्लोमा और नर्स प्रैक्टिसनर कोर्स में प्रवेश लेने के लिए उम्र की अधिकतम सीमा को हटा दिया है। अभी तक इन कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 17 और अधिकतम 35 साल थी। अब नए आदेशों के बाद 17 साल से ऊपर किसी भी उम्र के विद्यार्थी प्रवेश लेते हुए नर्सिंग में अपना कॅरियर बना सकेंगे। काउंसिल सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ.सर्वजीत कौर के उक्त आदेश वेबसाइट पर सोमवार शाम अपलोड हो गए।

काउंसिल के उक्त फैसले का देशभर के नर्सिंग संस्थानों पर बड़ा असर होगा। कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इससे प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की कमी को पूरा किया जा सकेगा। विदेशों में भारतीय नर्स की मांग के बीच काउंसिल का यह फैसला अब 35 साल की उम्र के बाद विद्यार्थियों के लिए इस क्षेत्र में अवसरों की नई राह खोल सकता है। 

एक लाख से ज्यादा सीटें
नर्सिंग की पढ़ाई देशभर में 2015 संस्थानों में हो रही है। जीएनएम के सर्वाधिक 678 कॉलेज हैं। 579 संस्थान ऐसे हैं जिसमें बीएससी नर्सिंग होती है। एएनएम के 305, एमएससी नर्सिंग के 194, पोस्ट बेसिक नर्सिंग के 186, पोस्ट बेसिक डिप्लोमा के 64 और नर्स प्रैक्टिसनर के नौ संस्थान हैं। सभी कोर्स में एक लाख से अधिक सीटें हैं।

अस्पतालों से दूर होगी नर्सिंग स्टाफ की कमी
हॉस्पिटल में अप्रशिक्षित स्टाफ को प्रशिक्षित करने में यह फैसला कारगर होगा। उम्र की सीमा हटने से प्रशिक्षण के इच्छुक अभ्यर्थियों की संख्या में व्यापक बढ़ोतरी होगी। भविष्य में सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल की संख्या बढ़नी है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की तैयारी चल रही है। अधिकतम उम्र खत्म होने से प्रशिक्षित स्टाफ की उपलब्धता बढ़ेगी। डॉ.अमित शर्मा, समन्वयक, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग, राधा गोविंद नर्सिंग कॉलेज

नर्सिंग स्टाफ चिकित्सा सेवाओं की रीढ़ है। नर्सिंग स्टाफ की देशभर में कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए जो उम्र की सीमा समाप्त की गई है वह बहुत ही अच्छा फैसला है। - डॉ. सुनील गुप्ता, डायरेक्टर केएमसी नर्सिंग कॉलेज

नर्सिंग कोर्स से उम्र की सीमा को खत्म करने का फैसला सराहनीय है। इस फैसले का लाभ बेरोजगारों को मिलेगा। कॉलेजों में सीटें बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।- डॉ. दिनेश राणा, स्टेट नोडल अधिकारी नर्सिंग

नर्सिंग कोर्स की पढ़ाई को अधिकतम उम्र की सीमा खत्म करने का सीधा असर आने वाले वर्षों में हॉस्पिटल पर होगा।

देशभर के हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टॉफ में सर्वाधिक भागीदारी केरल राज्य से है। निजी हॉस्पिटल में अधिकांश नर्सिंग स्टाफ काम तो कर रहा है, लेकिन वह अप्रशिक्षित है। इनमें से अनेक लोग ऐसे हैं जो काम तो जानते हैं, लेकिन उम्र अधिक होने से प्रशिक्षण नहीं ले पा रहे थे। नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया के फैसले से स्वास्थ्य क्षेत्र की पूरी तस्वीर बदल सकती है।

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