बिहार पुलिस दारोगा अभ्यर्थी बोले- आखिर हर परीक्षा पर सवाल क्यों
बिहार में दारोगा भर्ती अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं आखिर हर परीक्षा पर सवाल क्यों उठता है। अगर परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ था, तो इसकी जांच क्यो नहीं कराई गई। जबकि आयोग से परीक्षार्थी मिलने गये 31...
बिहार में दारोगा भर्ती अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं आखिर हर परीक्षा पर सवाल क्यों उठता है। अगर परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ था, तो इसकी जांच क्यो नहीं कराई गई। जबकि आयोग से परीक्षार्थी मिलने गये 31 दिसंबर और 7 जनवरी को भी गये थे। अभ्यार्थियों का कहना है जब ज्ञापन सौंपा गया था उस वक्त आयोग के पदाधिकारी ने जांच करने की बात कहीं थी। पर एकाएक 27 जनवरी को देर रात रिजल्ट जारी कर दिया गया। दारोगा अभ्यर्थी के नेतृत्वकर्ता दिलीप कुमार ने कहा कि जांच करने पहले ही आयोग निष्कर्ष पर पहुंच गई। जबकि कई सेंटर से पेपर बाहर निकले थे। प्रश्न-पत्र आयोग कार्यालय में जमा किया गया था। वहीं हाल में हुई कई परीक्षाओं पर सवाल उठाए गए हैं। पर सरकारी स्तर पर इसे सिरे से नाकार दिया गया है। यहां तक की इंटर की परीक्षा का पेपर वायरल करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि कई बार फर्जी पेपर भी वायरल कर दिया जाता है।
इंटर स्तरीय परीक्षा व महादलित आयोग परीक्षा का पेपर हो चुका है लीक
बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2016 में 29 जनवरी और 5 फरवरी 2016 को परीक्षा लिया था। दोनों दिन परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। पहले तो बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने पेपर की खबर को पूरी तरह से अफवाह बता दिया था। जबकि इसकी जांच की गई। सच सभी के सामने आ गया था। एसआईटी की टीम पटना के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने पेपर लीक के मामले का उजागर किया था। इस मामले में अभी तक आयोग के अध्यक्ष व सचिव जेल में हैं। इसी तरह से महादलित मिशन की परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। जांच के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इधर इंटर स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा पीछले साल ली गई थी। पर अभी तक रिजल्ट नहीं आया है। छात्रों के आंदोलन के बाद 20 फरवरी को रिजल्ट देने की बात कही गई है।
बीपीएससी की नियुक्ति पर उठ चुके हैं सवाल
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा व्याख्याता नियुक्ति के मामले में सवाल उठ चुका है। इसमें आयोग के पदाधिकारी नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम लेने की बात उजागर हुआ है। बीपीएससी द्वारा ली गई परीक्षा में हमेशा पूछे गए प्रश्नों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इस वजह से परीक्षा में विलंब होता है।
सात हिरासत में लिये गए आंदोलनकारी को भेजा गया जेल
मंगलवार को पकड़े गये सात दारोगा आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को बुधवार को जेल भेज दिया गया। सभी पर विधि व्यवस्था में व्यवाधान डालने के मामले में जेल भेज गया है। पकड़े गये अभ्यर्थी अलग-अलग जिले से हैं। इनमें आलोक कुमार, सतीश, प्रभात, नीरज, अभिषेक, प्रदीपक और प्रशांत का नाम शामिल है। गांधी मैदान थानाध्यक्ष ने बताया कि जेल भेज दिया गया है। इधर आंदोलन के नेतृत्वकर्ता दिलीप कुमार ने कहा कि सरकार छात्रों पर दमनकारी नीति अपनाकार जबरण जेल भेज रही है। आंदोलन अभी थमेगा नहीं। इधर छात्र संगठनों ने भी दारोगा परीक्षा की जांच करने की मांग की है। इनमें जाप के प्रदेश अध्यक्ष विशाल कुमार, पुसु उपाध्यक्ष निशांत कुमार के छात्र नेता गौतम आनंद सहित ने जांच की मांग की है।
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