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BPSC : बिहार में 6000 हेडमास्टर भर्ती की प्रक्रिया शुरू, जानें किस वर्ग और जिले में कितने पद

बिहार के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों के 6061 प्रधानाध्यापकों भर्ती के लिए शिक्षा विभाग ने अधियाचना सामान्य प्रशासन को भेज दी है। बीपीएससी जल्द भर्ती का नोटिफिकेशन जारी करेगा। 1340 अनारक्षित रहेंगे।

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाThu, 29 Feb 2024 10:25 AM
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BPSC Teacher Vacancy: बिहार के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों के 6061 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग ने अधियाचना सामान्य प्रशासन को भेज दी है। बीपीएससी जल्द नियुक्ति का विज्ञापन जारी करेगा। 1340 अनारक्षित रहेंगे। एससी के लिए 1283, एसटी के लिए 128, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 1595, पिछड़ा वर्ग 1139 वआर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 576 पद आरक्षित हैं। पटना प्रमंडल में 765, सारण में 611, तिरहुत में 1361, दरभंगा में 815, कोसी 385, पूर्णिया में 696 ,भागलपुर में 289, मुंगेर में 536 और मगध प्रमंडल में 603 पदों पर नियुक्ति होगी।

माध्यमिक शिक्षक के पद पर कम से कम आठ साल और उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम चार साल की लगातार सेवा अनिवार्य होती है। निजी स्कूलों में पढ़ाने वालों के लिए माध्यमिक में 12 साल तथा उच्च माध्यमिक में दस साल का अनुभव चाहिए होता है।

बिना स्थायी अध्यक्ष के चल रहा है बीपीएससी
बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अतुल प्रसाद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब तक स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी है। अतुल प्रसाद का कार्यकाल 12 फरवरी को समाप्त हो गया था। इनके बाद एक सदस्य को अध्यक्ष के कार्यों के लिए दायित्व सौंपा गया है। वे भी दो दिन पहले सेवानिवृत्त हो गए। इनके बाद भी एक अन्य सदस्य को अध्यक्ष के कर्तव्यों को पूरा करने के लिए मौका दिया गया है। हालांकि स्थायी अध्यक्ष के नहीं रहने से कई तरह की प्रशासनिक और एकेडमिक निर्णय को लेने में दिक्कतें आती हैं। वहीं आयोग के ऊपर कई बड़ी परीक्षाओं को समय पर कराने और रिजल्ट देने की बड़ी जिम्मेवारी हैं। हाल में तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा कराने की जबावदेही है। इसके अलावा विद्यालयों में प्राचार्यों की नियुक्ति सहित कई तरह की रिक्तियों की परीक्षाएं होनी है। पूर्व अध्यक्ष ने आयोग की परीक्षाओं को पटरी पर ला दिया है। इसे बनाए रखने के लिए सही समय पर सही निर्णय लेने के लिए स्थायी अध्यक्ष का रहना जरूरी है। इधर आयोग के सचिव रवि भूषण ने बताया कि स्थायी अध्यक्ष के रहने से कार्यों को सही मागदर्शन में समय पर करने का दिशा-निर्देश मिलते रहता है। अभी कई बड़ी परीक्षाएं आयोजित की जानी है। इसकी तैयारी चल रही है।

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