BPSC Teacher Recruitment Exam : ईओयू ने प्रश्न-पत्र लीक के तीन अभियुक्तों को लिया रिमांड पर
BPSC TRE-3 : बिहार लोक सेवा आयोग की तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किए जाने के मामले में आर्थिक अपराध यूनिट (EOU) ने कुछ अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बिहार और झारख
बीपीएससी शिक्षक बहाली के तीसरे चरण की परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक के मामले के जितने भी मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं। इन सभी को रिमांड पर लेकर ईओयू की एसआईटी पूछताछ करेगी। बुधवार को तीन मुख्य अभियुक्तों विशाल कुमार चौरसिया, अभिषेक कुमार और विक्की की रिमांड शाम को कोर्ट के स्तर से मिल गई। इनसे पूछताछ की प्रक्रिया गुरुवार (21 मार्च) से शुरू होगी। इनकी रिमांड अवधि फिलहाल दो दिनों की है। इसके बाद अन्य अभियुक्तों को भी क्रमवार तरीके से रिमांड पर पूछताछ की जाएगी। इनसे पेपर लीक मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी और यह जानकारी एकत्र की जाएगी कि कोलकाता के जिस प्रेस में इस प्रश्न-पत्र को छापने के लिए भेजा गया था, इसकी जानकारी इन्हें कैसे मिली। क्या बीपीएससी के स्तर से उन्हें इसकी सूचना मिली थी या कहीं अन्य स्रोत से। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में बीपीएससी के भी कुछ पदाधिकारी और कर्मी जांच के दायरे में आ सकते हैं। प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्न-पत्र लीक होने के मामले में उनकी संलिप्तता भी सामने आ रही है। हालांकि पहले ईओयू आयोग के कुछ लोगों को नोटिस जारी करके पूछताछ के लिए बुलाएगी।
इसके अलावा इस मामले में कई संदिग्धों की तलाश में बिहार और झारखंड में करीब एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की गई। बुधवार देर रात तक यह छापेमारी चलती रही। इस मामले में हजारीबाग और पटना के करबिगहिया से जब्त हुए सभी इलेक्ट्रॉनिक्स साक्ष्यों मसलन लैपटॉप, मोबाइल, कंप्यूटर, पेन ड्राइव समेत अन्य सभी की जांच एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) से कराई जाएगी। इन सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की वैज्ञानिक तरीके से जांच करके यह देखा जाएगा कि कोई फाइल या अन्य अहम चीजें डिलिट तो नहीं कर दी गईं थी। अगर कुछ डिलिट किया गया होगा, तो उसे वापस लाया जाएगा। इस तरह से प्राप्त हुए साक्ष्यों से कई बेहद अहम जानकारी मिल सकती है।
इधर, इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने बीपीएससी को संबंधित कंप्यूटर और लैपटॉप को संरक्षित करके रखने के लिए कहा है। साथ ही इनमें सभी दस्तावेजों और अन्य फाइलों को भी सहेज कर रखने के लिए कहा है। ताकि किसी भी समय इनकी जांच की जा सके। अगर इनमें भी तरह की फाइलों के डिलिट करने की बात सामने आती है, तो इनकी जांच भी एफएसएल से कराया जा सकता है। अभी इससे जुड़े सभी पहलुओं पर एसआईटी जांच करने में जुटी हुई है।
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