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बीपीएससी 68वीं, UPPSC PCS और एमपी पीसीएस का फॉर्म नहीं भर सकेंगे बिहार के लाखों अभ्यर्थी

बिहार में अब तक कई विश्वविद्यालयों में स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा नहीं हुई है। कई विवि में रिजल्ट का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में लाखों छात्र बीपीएससी, यूपी पीसीएस देने से वंचित रह जाएंगे।

Pankaj Vijay हिटी, पटना, बोधगया, आरा, छपरा, भागलपुरFri, 2 Dec 2022 08:25 AM
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बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) 68वीं प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन शुरू है। आवेदन 20 दिसंबर तक किए जाएंगे। आवेदन करने के लिए स्नातक पास होना जरूरी है। हालांकि, अब भी कई विश्वविद्यालयों में स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा नहीं हुई है। कई विवि में रिजल्ट का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे विश्वविद्यालयों के इच्छुक लाखों छात्र परीक्षा के लिए आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे। इसके अलावा दूसरे राज्यों की कई प्रतियोगिता परीक्षाओं से छात्रों को वंचित होना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश पीसीएस, मध्य प्रदेश पीसीएस सहित कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में स्नातक का रिजल्ट के बिना आवेदन नहीं किया जा सकता है। 

पटना विश्वविद्यालय, एलएन मिथिला विवि, दरभंगा व पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने स्नातक का रिजल्ट घोषित कर दिया हैं। हालांकि, राज्य में तकनीकी विश्वविद्यालयों का सत्र भी विलंब चल रहा है। ऐसे में मेडिकल-इंजीनियरिंग के इच्छुक छात्र भी सिविल सेवा की परीक्षा में बैठने से वंचित रह जाएंगे। सबसे बदतर स्थिति मगध विश्वविद्यालय की है। यहां अभी ज्यादातर परीक्षाएं लंबित हैं।

वहीं, सारण प्रमंडल के जयप्रकाश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले करीब 60 हजार विद्यार्थियों की नौकरी रिजल्ट के इंतजार में फंस गयी है। बीपीएससी की परीक्षा फॉर्म भरने में स्नातक सत्र 2018-21 की फाइनल और विशेष परीक्षा पार्ट टू आड़े आ रही है। परीक्षा हो चुकी है लेकिन रिजल्ट का इंतजार है। एक सप्ताह के अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन रिजल्ट दे तो विद्यार्थी बीपीएससी का परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं। वही, पीएचडी का वाइवा नहीं होने से प्रोफेसर व अतिथि शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन से विद्यार्थी वंचित हो रहे हैं।

वीर कुंवर सिंह विवि आरा में सत्र सात माह विलंब वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा में तीन साल की स्नातक की डिग्री चार साल में मिल रही है। करीब 65 हजार स्नातक छात्र परेशान हैं। मई-जून से पहले पार्ट थर्ड की परीक्षा के आसार नहीं हैं। वर्तमान में यूजी का सत्र सात माह पीछे चल रहा है, जबकि पीजी का सत्र एक से डेढ़ साल पीछे है। स्नातक सत्र 2019-22 के पार्ट टू का रिज़ल्ट पिछले माह जारी किया गया है। उक्त सत्र के पार्ट थर्ड की परीक्षा जनवरी में संभावित है, जबकि साल बीतने को है। पीजी के सत्र 2019-21 के फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा अभी होनी है।

उत्तर बिहार के दो लाख छात्र नहीं दे सकेंगे परीक्षा
मुजफ्फरपुर। उत्तर बिहार के करीब दो लाख विद्यार्थी बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा नहीं दे सकेंगे। विश्वविद्यालयों में पार्ट-3 की परीक्षा नहीं होने के कारण ये विद्यार्थी बीपीएससी का फॉर्म भरने से वंचित हो गए। बीआरए बिहार विवि और कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि में पार्ट-3 सत्र 2019-22 की परीक्षा का फॉर्म ही नहीं भरा गया है। दोनों विश्वविद्यालयों में फॉर्म भराने के लिए अभी कवायद ही चल रही है। वहीं, मिथिला विवि दरभंगा में पार्ट-3 के विद्यार्थी रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। बीआरए बिहार विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि इसी हफ्ते में परीक्षा फॉर्म भरा जाएगा इसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। 

वहीं, कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. डीपी यादव ने बताया कि जल्द ही परीक्षा का फार्म भराया जाएगा। बीआरएबीयू और संस्कृत विवि को स्नातक पार्ट-3 की परीक्षा जून में ही हो जानी चाहिए थी। लेकिन, बीआरएबीयू में इसी महीने पार्ट-2 का रिजल्ट आया है और अब पार्ट-3 की परीक्षा ली जानी है। कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि में भी जनवरी में पार्ट-3 की परीक्षा ली जाएगी। दोनों विवि के सत्र की देरी से छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाएं छूट जाएंगी। लोक सेवा आयोग के अलावा बैंकिंग की परीक्षा भी विद्यार्थियों की छूट गई। आईबीपीएस के तहत ली जाने वाली बैंक पीओ की प्रारंभिक परीक्षा अक्टूबर में ही हो गई। परीक्षा नहीं होने के कारण छात्रों इसमें शामिल नहीं हो सके। बैंक एसओ की परीक्षा दिसंबर में होने वाली है। छात्र इस परीक्षा में भी शामिल नहीं हो सकेंगे। परीक्षाएं नहीं देने से बैंकों की करीब दस हजार नौकरियों से छात्रों को हाथ धोने पड़ा है। छात्र अब 2023 में होने वाली परीक्षाओं में ही शामिल हो सकेंगे।

- मगध विवि, टीएमबीयू, आरा, छपरा सहित कई विवि का सत्र लेट होने के कारण बढ़ी परेशानी

भागलपुर एक लाख को नहीं मिला रिजल्ट
तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय और मुंगेर विश्वविद्यालय के एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं इस बार बीपीएससी का परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित रह सकते हैं। पूर्णिया विश्वविद्यालय में सभी सत्र विलंब से चल रहे हैं। अभी पार्ट थर्ड का परीक्षा फॉर्म ही भरा जा रहा है। दिसंबर में परीक्षा लिए जाने की संभावना है। बीपीएससी में इस विश्वविद्यालय के करीब 26 हजार छात्रों के शामिल होने की संभावना नहीं के बराबर है। बीएनएमयू में भी स्नातक सत्र 2019-22 तृतीय खंड की परीक्षा संपन्न हो चुकी है, लेकिन मूल्यांकन नहीं हो सका है। सत्र करीब छह माह विलंब होने का 40 हजार छात्रों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। टीएमबीयू में सत्र 2019-22 के स्नातक तीसरे सत्र की परीक्षा अभी तक नहीं हुई है। करीब 6 महीने की देरी से सत्र चल रहा है। इसमें करीब 30 हजार छात्रों को स्नातक तीसरे सत्र की परीक्षा देनी है। मुंगेर विवि में सत्र 2019-22 के डिग्री पार्ट थ्री का परीक्षा अभी तक नहीं हो सका है। जिस कारण करीब 28 हजार विद्यार्थी बिहार लोक सेवा आयोग की 68 वीं प्रारंभिक परीक्षा में बैठने से वंचित रह जायेंगे।

इतने छात्र कर रहे रिजल्ट की प्रतीक्षा
मगध विवि 4.5 लाख
टीएमबीयू 30 हजार
बीएनएमयू 40 हजार
पीयू 26 हजार
मुंगेर विवि 28 हजार
वीकेएसूय 65 हजार
जेपीयू 60 हजार

मगध विश्वविद्यालय के साढ़े चार लाख छात्र परेशान
मगध विश्वविद्यालय में करीब साढ़े चार लाख छात्र परीक्षा व रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। इसमें स्नातक सत्र 2018-21 के पार्ट थ्री के छात्रों की बड़ी संख्या है। इनकी परीक्षा वर्ष 2020 में ली गई। तीन साल बीतने को पर परिणाम नहीं आया है। स्नातक, स्नातकोत्तर, वोकेशनल व प्रोफेशनल कोर्स की परीक्षाएं भी लंबित हैं। स्नातक पार्ट वन सत्र 2020- 23, सत्र 2021-24 पार्ट वन की एक भी परीक्षा नहीं हुई है। 2019- 22 पार्ट टू तथा सत्र 2018-21 पार्ट थ्री की अभी तक परीक्षा नहीं हो पाई है, जबकि अभी तक सत्र खत्म हो जाना चाहिए था।
 

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