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BPSC 67th Prelims Exam 2022: आज आंदोलन की तैयारी, बीपीएससी के फैसले के खिलाफ ये तर्क दे रहे परीक्षार्थी

बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा को दो शिफ्टों में कराने और मार्क्स परसेंटाइल में देने के खिलाफ आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। परीक्षार्थी कल बीपीएससी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 31 Aug 2022 02:21 AM
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BPSC 67th Prelims Exam 2022: बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा को दो शिफ्टों में कराने और मार्क्स परसेंटाइल में देने के खिलाफ परीक्षार्थियों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। परीक्षार्थी आज 31 अगस्त को पटना में बीपीएससी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैश टैग #BPSC_Chalo_Aandolan #BPSC_PT_IN_ONE_SHIFT #BPSC67thPrelims के साथ लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं। साथ ही अभ्यर्थी अपने ट्वीट में सीएम कार्यालय, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी टैग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराई जाए और इसमें परसेंटाइल में मार्क्स न दे करके सामन्य मार्क्स ही दिए जाएं।  बीपीएससी ने 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा 20 और 22 सितंबर को दो शिफ्टों में कराने का ऐलान किया है। 

बीपीएससी के फैसले के विरोध में अभ्यर्थी दे रहे तर्क -  
- बीपीएससी 67वीं नोटिफिकेशन में यह कहीं नहीं लिखा कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराई जाएगी लेकिन प्रीलिम्स परीक्षा वाले सेक्शन में साफ साफ लिखा हुआ है कि कोटिवार सामान कटऑफ होगा जो कि 2 पालियों में संभव नहीं सकेगा। 

- बीपीएससी के द्वारा 8 मई 2022 को परीक्षा के लिए जो नोटिस जारी किया है, उसमें साफ लिखा हुआ है कि परीक्षा सिंगल शिफ्ट में होगी। यह नोटिस भी विज्ञापन का भाग है।

- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई रूलिंग है जो यह कहती है कि खेल के बीच में खेल का नियम नहीं बदला जा सकता। 

- अभ्यर्थियों का कहना है कि बीपीएससी 67वीं परीक्षा दो शिफ्टों में कराने से भर्ती प्रक्रिया कोर्ट में लटक सकती है क्योंकि नोटिफिकेशन के जारी होने के समय इसका जिक्र नहीं किया गया था। बहुत से अभ्यर्थी आगे जाकर बीपीएससी के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं जिससे बेवजह भर्ती में देरी होगी।

- एक अभ्यर्थी ने लिखा कि असम में हाल में एक शिफ्ट में 5 लाख अभ्यर्थियों का एग्जाम कराया गया है। तो असम एक शिफ्ट में करा सकता है तो बिहार का बीपीएससी क्यों नहीं करा सकता। क्या हमारा बिहार इतना पिछड़ा है?

- बहुत से उम्मीदवारों ने इस बात का अंदेशा जताया है कि आगे चलकर किसी शिफ्ट के अभ्यर्थी कोर्ट में जाकर यह दावा कर सकते हैं कि उनकी शिफ्ट का पेपर मुश्किल आया था, उनके साथ अन्याय हुआ है। इससे भर्ती प्रक्रिया कोर्ट में लटक जाएगी। 

-एक अभ्यर्थी ने लिखा कि 3 करोड़ बच्चे बिहार में स्कूल और कॉलेज जाते हैं। और बोर्ड के पास बीपीएससी के 6 लाख स्टूडेंट्स के लिए सीट नहीं है। हर साल 14 लाख बच्चे तो 12वीं का एग्जाम देते हैं। 

- रजत अग्रहरि नाम के अभ्यर्थी ने लिखा - 'आयोग ने 67वीं BPSC के लिए बोल दिया है कि परीक्षा 20 और 22 सितंबर को ही होगी। अधिकारिक रूप से नोटिस भी आ चुका है। PT परीक्षा 1 शिफ्ट में ही होना चाहिए। आप अपने सिस्टम को सुधारे, तरीके को बदलना (20 दिन पहले) सही नही है।

- अभिराज नाम के अभ्यर्थी ने लिखा -  'बीपीएससी अपने नोटिफिकेशन के नियमों के विरुद्ध एग्जाम को दो शिफ्ट में कराने जा रही है और इसमें परसेंटाइल सिस्टम लागू करने जा रही है हम लोग चाहते हैं कि परीक्षा जैसे पहले होता था वैसा ही हो।'

- आशु नाम के अभ्यर्थी ने लिखा - 31 अगस्त को पटना में बारिश की संभावना है। लेकिन चाहे बारिश हो या बादल फटे। हम बीपीएससी कार्यालय चलेंगे । आवाज़ उठाएंगे। अपने हक के लिए। न्याय के लिए। अपने भविष्य के लिए। अपने सपनों के लिए। 

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