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बिहार के टॉपर फैक्ट्री सिमुलतला स्कूल के आए बुरे दिन, सीटों के बराबर भी नहीं आए आवेदन

Bihar Simultala School Admission : कम समय में ही टॉपर्स फैक्ट्री के रूप में उभरे सिमुलतला आवासीय विद्यालय इंटरमीडिएट की शिक्षा के लिए बिहार के छात्रों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है।

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाWed, 16 Nov 2022 03:49 AM
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नेतरहाट की तर्ज पर बिहार के जमुई जिले में 9 अगस्त 2010 को स्थापित तथा अल्प समय में ही टॉपर्स फैक्ट्री के रूप में उभरे सिमुलतला आवासीय विद्यालय इंटरमीडिएट की शिक्षा के लिए बिहार के छात्रों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। आलम यह है कि मौजूदा शैक्षिक सत्र में 11वीं कक्षा में तकरीबन 80 फीसदी सीट पर नामांकन के लिए इसे रिक्ति के बराबर भी आवेदन नहीं मिल रहे हैं। जिससे शिक्षा विभाग के निर्णय के बाद भी यहां नामांकन के लिए परीक्षा आयोजित नहीं हो पा रहा है।

आश्चर्यजनक पहलू यह है कि 6 से 12वीं तक संचालित इस विद्यालय से दसवीं बोर्ड पास करने वाले विद्यार्थी ही यहां बहुत कम रुक रहे हैं। सत्र 2022-24 में सिमुलतला विद्यालय (एसएवी) में मात्र 26 विद्यार्थी, जिन्होंने यहां से 10वीं पास की, वे अध्ययनरत हैं। अबतक यहां की 94 सीटें खाली हैं। हर साल 120 छात्र-छात्रा यहां से दसवीं कक्षा पास करते हैं। लेकिन विभिन्न कारणों से विद्यार्थी प्लस-2 की पढ़ाई के लिए बाहर चले जा रहे हैं। आलम यह है कि 11वीं में हर साल यहां के मूल छात्रों की संख्या कम होती जा रही है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने पहली बार ग्यारहवीं कक्षा में खाली सीट को बाहरी छात्रों से प्रवेश परीक्षा लेकर भरने का मौजूदा सत्र में फैसला लिया था। 94 रिक्त पदों के लिए 14 सितंबर 2022 को आवेदन मांगे गए थे। लेकिन दो बार अंतिम तिथि बढ़ाए जाने के बावजूद सर्वश्रेष्ठ विद्यालय को रिक्त सीट भरने मात्र तक आवेदन नहीं मिल सका।

उठ रहे सवाल
अपने भी छात्रों को कैंपस में 12वीं तक नहीं रख सकने के कारण राज्य के इस सबसे बड़े मॉडल आवासीय विद्यालय की अकादमिक व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो 11वीं में मूल विद्यार्थियों की संख्या अचानक नहीं पहुंची है, बल्कि यह तादाद साल-दर-साल कम हुई है। 120 छात्रों की रिक्ति के मुकाबले 2017-2021 के बीच छात्रों की संख्या 52 से घटकर 39 तक पहुंची और 2022-24 के लिए 26 हो गई।

माह के आखिर में परीक्षा
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने माना कि आवेदन कम आने से प्रवेश परीक्षा होने में देर हो रही है। इस माह के आखिर में प्रवेश परीक्षा होगी और उसके बाद जल्द ही रिजल्ट निकालकर नामांकन पूर्ण कर लिया जाएगा।

उच्च माध्यमिक स्तर पर छात्रों का रुझान मात्र बोर्ड परीक्षा के प्रति नहीं रहना स्वभाविक है। वे समकक्षीय अखिल भारतीय स्तर एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय की प्रतियोगी और रोजगारोन्मुख परीक्षा में सफलता को अधिक प्राथमिकता देते हैं। - प्रो. शंकर कुमार, संस्थापक प्राचार्य

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