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Hindi Newsकरियर न्यूज़bihar : Thousands of bihar niyojit teachers will lose their jobs as they did not upload certificates

बिहार के हजारों नियोजित शिक्षकों की जाएगी नौकरी, पोर्टल पर प्रमाणपत्र नहीं किया अपलोड

बिहार में वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित हुए शिक्षकों के प्रमाणपत्रों को वेब पोर्टल पर अपलोड करने को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है। विभाग ने कहा है कि जिन शिक्षकों के...

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान ब्यूरो, हिन्दुस्तान ब्यूरोWed, 27 Jan 2021 05:13 PM
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बिहार में वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित हुए शिक्षकों के प्रमाणपत्रों को वेब पोर्टल पर अपलोड करने को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है। विभाग ने कहा है कि जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच अभी तक नहीं हो पाई है, उन्हें अपना प्रमाणपत्र स्वयं पोर्टल पर अपलोड करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों की सेवा समाप्त की जाएगी और वेतन की भी वसूली होगी।

विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसे करीब एक लाख तीन हजार शिक्षकों की सूची पोर्टल पर जारी की जाएगी। इनके प्रमाणपत्र की जांच नहीं हो पाई है। जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा जिला, प्रखंड और नियोजन इकाईवार शिक्षकों की सूची अपलोड की जाएगी। इन शिक्षकों को विभाग द्वारा तय समय सीमा के अंदर सभी आवश्यक प्रमाणपत्र और नियोजन पत्र को पोर्टल पर अपलोड करना होगा। विभाग पोर्टल तैयार करा रहा है और शीघ्र ही प्रमाणपत्र अपलोड करने की तिथि जारी करेगा। गौरतलब हो कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर निगरानी द्वारा शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है। नियोजन इकाइयों द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है। इसको देखते हुए विभाग ने प्रमाणपत्र जांच की वैकल्पिक व्यवस्था की है। 

विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि प्रमाणपत्र अपलोड नहीं करने पर माना जाएगा कि शिक्षकों को नियुक्ति की वैधता के संबंध में कुछ नहीं कहना है। ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति अवैध मानकर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा ऐसे शिक्षकों की सूचना संबंधित नियोजन इकाई को दी जाएगी। नियोजन इकाइयों द्वारा शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछकर उनकी सेवा समाप्त करते हुए उनसे पूर्व में हुए वेतन भुगतान की राशि वसूल की जाएगी। 

पांच सालों से अधिक दिनों से चल रही जांच
वर्ष 2015 में निगरानी विभाग को शिक्षक नियोजन में चयनित शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। इस तरह पांच साल से अधिक दिनों से यह जांच चल रही है। सभी शिक्षकों के एक-एक प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालयों के माध्यम से करायी जा रही है। इसके लिए बिहार सहित दूसरे राज्यों के बोर्ड व विश्वविद्यालयों से भी संपर्क किया गया है। निगरानी विभाग को जांच के दौरान अबतक 1132 फर्जी प्रमाण पत्र मिले हैं। इस मामले में 419 प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चुकी है। निगरानी का कहना है कि प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं होने से इसमें देर हो रही है।  

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