बिहार शिक्षक भर्ती : BEd सर्टिफिकेट को DEld में कैसे बदले, करेक्शन पर BPSC अध्यक्ष ने दिया यह बयान
बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा है कि प्राथमिक उम्मीदवारों को बाद में सूचित किया जाएगा कि वे अपने बीएड प्रमाणपत्रों को डीएलएड से कैसे बदल सकते हैं। फॉर्म करेक्शन कल से शुरू होगा।
बिहार 1.70 लाख शिक्षक भर्ती के फॉर्म में करेक्शन को लेकर बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा है कि प्रविष्टियों में सुधार का अवसर प्राथमिक सहित सभी के लिए है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक उम्मीदवारों को बाद में सूचित किया जाएगा कि वे अपने बीएड प्रमाणपत्रों को डीएलएड से कैसे बदल सकते हैं। प्रविष्टियों को समर्पित कागजातों के अनुरूप सही किया जाना अनिवार्य है। अब कोई भी जमा किया गया दस्तावेज बदला नहीं जा सकेगा।
आपको बता दें कि बीपीएससी ने 1 सितंबर से 3 सितंबर के बीच 1.70 लाख शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को फॉर्म एडिट करने का अवसर दिया है। अभ्यर्थी 1 सितंबर से 3 सितंबर के बीच जन्मतिथि, दिव्यांगता की प्रकृति, आरक्षण कैटेगरी, जाति, पता, शैक्षणिक व प्रशिक्षण योग्यता संबंधित डिटेल्स में हुई गलती को सुधार सकते हैं। आयोग ने कहा है कि अभ्यर्थी किसी भी तरह का नया डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं कर सकते। अपलोड दस्तावेज में प्रमाण पत्र संख्या एवं जारी होने की तिथि में संशोधन किया जा सकता है। अपलोड किए गए दस्तावेज के आधार पर डिटेल्स में सुधार कर त्रुटिरहित किया जा सकता है। अपीयरिंग अभ्यर्थी के पास प्रशैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र यदि उपलब्ध हो तो उसे अपलोड कर सकते हैं। वर्ग 1 से 5 तक के अभ्यर्थियों के संबंध में सूचना जल्द ही जारी होगी।
आयोग ने नोटिस में आगे कहा है कि जिलों में 4 सितंबर 2023 से आरंभ दस्तावेज सत्यापन के समय अगर अपलोड किए गए दस्तावेज और उससे संबंधित डिटेल्स में अगर भिन्नता पाई जाती है तो ऐसे अभ्यर्थियों को असत्यापित मानते हुए उनके खिलाफ अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। अपलोड दस्तावेज के अनुसार डिटेल्स न देने पर अहर्ता प्रभावित हो सकती है।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि सभी अपने स्तर से चार से 12 सितंबर तक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच गृह जिले में कराएं। अभ्यर्थियों की ओर से जो प्रमाणपत्र आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं, उन्हीं की जांच होगी। सबसे पहले आयोग द्वारा उच्च माध्यमिक (11वीं-12वीं) के अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच कराई जाएगी। इसके बाद माध्यमिक शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच होगी। आयोग पहले प्रमाणपत्रों की जांच कराकर रखेगा ताकि नियुक्ति के समय अभ्यर्थियों को ज्यादा परेशानी नहीं हो।
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