Bihar STET 2020 : घट सकती है अभ्यर्थियों की संख्या, 11 से ढाई बजे की शिफ्ट छात्राओं के लिए आरक्षित
जनवरी 2020 में आयोजित एसटीईटी में महिला अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र गृह जिले में होने से काफी सहूलियत हुई थी। नतीजन काफी बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी शामिल हुई थीं। बावजूद उपस्थिति थोड़ी कम हुई थी।...
जनवरी 2020 में आयोजित एसटीईटी में महिला अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र गृह जिले में होने से काफी सहूलियत हुई थी। नतीजन काफी बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी शामिल हुई थीं। बावजूद उपस्थिति थोड़ी कम हुई थी। पर पुनर्परीक्षा का एडमिट कार्ड जैसे ही अभ्यर्थियो ने देखा, उनके होश उड़ गए। जहानाबाद जिलों के परीक्षार्थियों का सेंटर पूर्णिया, दरभंगा दिया गया है। चूंकि अभी कोरोना संक्रमण का डर है, इसलिए परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कम हो जाएगी। एक ओर देश स्तर पर आयोजित नीट/जेईई की परीक्षा में छात्रों को उनके घर के नजदीक ही सेंटर दिया है। वहीं एसटीईटी में दूर सेंटर होने से अभ्यर्थी परेशान हैं। इस कोरोना काल में लोग घर से निकलना नहीं चाहते हैं। जरूरत पड़ने पर ही घर से निकल रहे हैं। खासकर महिलाएं तो कम ही निकल रही हैं। परीक्षा दिलाने 350 किलोमीटर जाना बहुत मुश्किल होगा। सबसे बड़ी बात कि कोरोना काल में आने-जाने के लिए सवारी की सबसे बड़ी समस्या है। अभी हर रूट में बस और ट्रेनें नहीं चल रही हैं। सभी लोग किराये पर निजी गाड़ी लेने में समर्थ नहीं हैं।
बीएड उत्तीर्ण छात्र संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव, कांग्रेस के वरुण शर्मा, जाप के अध्यक्ष विशाल कुमार, छात्र लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजीव सरदार ने कहा कि परीक्षा प्रमंडलवार भी आयोजित की जा सकती थी। अगर परीक्षा केंद्रों में बदलाव नहीं हुआ तो आंदोलन होगा।
पटना की अशोक राजपथ की आरती सिन्हा का सेंटर पूर्णिया में दिया गया है। वे कहती हैं- पौने चार सौ किलोमीटर दूर परीक्षा देने कोई कैसे जा पाएगा। सरकार को परीक्षा केन्द्रों में बदलाव करना चाहिए। कम से कम महिलाओं का सेंटर गृह जिले में देना चाहिए।
मधेपुरा की महिला परीक्षार्थी मधुमीता सिंह का सेंटर पटना दिया गया है। उनका कहना है कि तीन सौ किलामीटर परीक्षा देने कैसे आ पाएंगे। एक तो गाड़ी नहीं चल रही है। ट्रेन या बस में कौन कोरोना संक्रमित है, कैसे पता चलेगा। इस स्थिति में जो परीक्षा देने जाएगा, उसे संक्रमण का खतरा बना रहेगा। परीक्षा केंद्र में बदलाव होना चाहिए।
पटना के कुम्हरार इलाके की नेहा कुमारी का सेंटर भागलपुर दिया गया है। वे कहती हैं- 280 किलोमीटर दूर परीक्षा देने जाने में बहुत परेशानी होगी। सेंटर तो गृह जिले में ही होना चाहिए था।
श्रुति का सेंटर छपरा दिया गया है। वहीं देवमणी का सेंटर मुजफ्फरपुर दिया गया है। इन दोनों का कहना है घर में छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर परीक्षा कैसे देने जा पाएंगे। सेंटर तो गृह जिला में देना चाहिए।
सुधा कुमारी बताती हैं कि वे परीक्षा नही दे पाएंगी। क्योंकि सेंटर भागलपुर में है। सीमित ट्रेनें चल रही हैं। उसमें भी संक्रमण का डर है। पूर्णिया के अभ्यर्थी राहुल झा का कहना है कि एसटीईटी देने पटना जाना होगा।
छात्राओं के लिए आरक्षित होगी 11 से ढाई बजे की पाली
शिक्षा विभाग ने एसटीईटी में छात्राओं को आवागमन की सुविधा के लिहाज से बड़ा निर्णय लिया है। तीन पालियों में प्रस्तावित परीक्षा में छात्राओं की परीक्षा सुबह 11 बजे से अपराह्न 2.30 बजे की पाली में ली जाएगी। ताकि उन्हें रात्रि विश्राम नहीं करना पड़े। शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने गुरुवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को यह निर्देश दिया है।
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