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BPSSC SI Recruitment: बिहार में 1717 दारोगा की बहाली का रास्ता साफ

बिहार में 1717 दारोगा की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। पटना हाईकोर्ट ने तत्काल अंतिम परीक्षाफल प्रकाशित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आयोग को आरक्षण नियमों का पालन करने को कहा है। हाईकोर्ट ने...

पटना। विधि संवाददाता Wed, 6 March 2019 12:44 PM
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बिहार में 1717 दारोगा की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। पटना हाईकोर्ट ने तत्काल अंतिम परीक्षाफल प्रकाशित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आयोग को आरक्षण नियमों का पालन करने को कहा है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को दारोगा बहाली मामले में बिहार सबोर्डिनेट पुलिस सर्विस कमीशन की ओर से दायर एलपीए अपील पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। अदालत ने 67 पन्नों के आदेश में एकलपीठ के फैसला को पलटते हुए कमीशन की ओर से दायर एलपीए को मंजूर कर लिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने अपना फैसला दिया।

करीब 195 अभ्यार्थियों ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर कमीशन की मनमानी तथा बहाली प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी की बात कहकर केस दायर कर मुख्य परीक्षा परिणाम को निरस्त करने की गुहार लगायी थी। मामले पर सुनवाई के बाद 31 अक्टूबर 2018 को न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय की एकलपीठ ने रमेश कुमार व अन्य की ओर से दायर रिट याचिका को मंज़ूर करते हुए कमीशन को नए सिरे से परिणाम घोषित करने आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने बिहार सबोर्डिनेट पुलिस सर्विस कमीशन को प्रश्नपत्र  व उसका मॉडल उत्तरपत्र बोर्ड के वेबसाइट पर अपलोड करने सहित मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थियों से आपत्ति की मांग करने का आदेश दिया था। आपत्ति पर एक्सपर्ट  कमेटी गठित कर उसका निराकरण करने को भी कहा था। आपत्तियों के निराकरण के बाद मेधावार, आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नए  सिरे से  मुख्य परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया था। वहीं हर कैटेगरी का अलग-अलग कटऑफ अंक निर्धारित कर बोर्ड को वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा था। साथ ही महिला उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के तहत तय मानदंड के अनुसार क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने की बात कही थी। 

कमीशन ने एकलपीठ के फैसला को अपील दायर कर चुनौती दी। कमीशन की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर तथा अधिवक्ता संजय पांडेय कुणाल तिवारी ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड ने पूरी पारदर्शिता के साथ सभी नियमों का पालन करते हुए बहाली प्रक्रिया पूरी की है। पीटी परीक्षा के बाद उम्मीदवार सवाल नहीं उठाए लेकिन मुख्य परीक्षा के बाद छात्र सवाल खड़ा कर रहे हैं। 

वहीं छात्रों की ओर से अधिवक्ता चक्रपाणि ने कोर्ट को बताया कि आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया। मेधावार सूची का प्रकाशन नहीं किया गया।  हर कैटेगरी का अलग-अलग कटऑफ अंक तक जारी नहीं किया गया। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। 

1717 पदों में 892 पुरुषों के लिए 
1717 दारोगा पदों की बहाली में 539 पद महिलाओं के लिए वहीं 892 पद सामान्य  के लिए था। जबकि 280 पद आरक्षित कोटि की महिलाओं के लिए सुरक्षित रखा गया था। पीटी परीक्षा में 4 लाख 28 हज़ार 2 सौ अभ्यर्थी शामिल हुए थे। 29 हज़ार 359 उम्मीदवारों ने पीटी परीक्षा पास की थी। इनमें 6 हज़ार 7 सौ 83 महिलाएं थीं।  22 जुलाई को हुई मुख्य परीक्षा का रिजल्ट 5 अगस्त को प्रकाशित किया गया। बोर्ड ने 10 हज़ार 1 सौ 61 छात्रों को फिजिकल टेस्ट के लिए सफल घोषित किया था। 

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