आईटीआई में क्लास बंक कर फेल हुए तो दोबारा मौका नहीं, जानें नये नियम
बिहार में आईटीआई की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब क्लास बंक करना महंगा पड़ेगा। बिना क्लास किए और आंतरिक (इंटरनल) परीक्षा पास किए बिना आईटीआई प्रशिक्षणार्थियों के फेल होने पर दोबारा परीक्षा देने का मौका...
बिहार में आईटीआई की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब क्लास बंक करना महंगा पड़ेगा। बिना क्लास किए और आंतरिक (इंटरनल) परीक्षा पास किए बिना आईटीआई प्रशिक्षणार्थियों के फेल होने पर दोबारा परीक्षा देने का मौका नहीं मिलेगा। अब तक की व्यवस्था के अनुसार क्लास किए बिना भी फेल होने पर छात्रों को दुबारा परीक्षा में बैठने का मौका मिल रहा था। इसी तरह एक-दो पेपर में फेल होने पर सप्लीमेंट्री परीक्षा में भी क्लास करने को जरूरी बना दी गई है।
मौजूदा नियम के अनुसार आईटीआई में प्रशिक्षण लेने वालों को चार मौका मिल रहा है। इसमें अगर कोई परीक्षा में फेल कर गए तो वे एक बार और परीक्षा दे सकते हैं। जबकि सप्लीमेंट्री पेपर में पास करने के लिए तीन मौका मिल रहा है। लेकिन इसमें यह देखा जाने लगा कि अधिकतर छात्र क्लास नहीं करते हैं। परीक्षा में शामिल नहीं हुए और इंटरनल परीक्षा भी पास नहीं की तो भी वह फेल होने पर दुबारा परीक्षा दे रहा है। प्रशिक्षण महानिदेशालय ने इसे गंभीर माना।
महानिदेशालय का तर्क रहा कि इससे छात्रों में पढ़ने की प्रवृत्ति नहीं जग रही है। छात्रों को लगता है कि क्लास नहीं करने, प्रैक्टिकल नहीं करने पर भी वे एक बार और परीक्षा दे सकते हैं। इस मनोवृत्ति पर रोक लगाने के लिए ही महानिदेशालय ने अपने पुराने नियम में संशोधन कर दिया। निदेशालय के उप महानिदेशक दीपांकर मल्लिक की ओर से नियम में आंशिक संशोधन संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि वे किसी भी कीमत पर नए नियम का उल्लंघन नहीं होने दें। नय नियम के अनुसार आईटीआई प्रशिक्षण के लिए सत्र तय है। प्रशिक्षण लेने वालों को हर सत्र में पास होना जरूरी होगा। साथ ही सरकार की ओर से जो उपस्थिति तय है, उसका भी अनुपालन जरूरी है। अगर कोई क्लास नहीं आ रहा है तो उसे दुबारा परीक्षा में बैठने का मौका नहीं दिया जाए।
- 149 सरकारी आईटीआई हैं बिहार में
- 26800 सालाना क्षमता है सरकारी में
- 1062 प्राइवेट आईटीआई हैं बिहार में
- 02 लाख सीटों पर होता है एडमिशन
हॉल टिकट होने पर ही सप्लीमेंट्री पेपर में तीन मौका
नए नियम का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तय हुआ कि सरकारी या गैर सरकारी आईटीआई के संचालक तभी परीक्षा में बैठने के लिए हॉल टिकट जारी करें जब प्रशिक्षण लेने वाला छात्र इंटरनल परीक्षा पास कर चुका हो और वह नियमित तौर पर क्लास भी कर रहा हो। हॉल टिकट लेने के बाद किसी कारणवश अगर कोई छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए या फेल हो जाए तभी उसे दूसरी बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा। हॉल टिकट रहने पर ही सप्लीमेंट्री पेपर में फेल होने पर तीन मौका मिलेगा। महानिदेशालय ने यह भी कहा है कि हॉल टिकट होने की स्थिति में प्रशिक्षण लेने वालों को स्कॉलरशिप या भत्ता दिया जाए। सरकारी-प्राइवेट आईटीआई में यह नियम मौजूदा सत्र से ही लागू होगा।
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