बिहार : हर आईटीआई को प्रति अभ्यर्थी ट्रेनिंग के लिए 4775 रुपए मिलेंगे
बिहार के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) का जल्द कायाकल्प होगा। आईटीआई की हालत सुधारने में वहां शुरू होने वाला प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण मददगार बनेगा। दरअसल जिन 44 हजार लोगों...
बिहार के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) का जल्द कायाकल्प होगा। आईटीआई की हालत सुधारने में वहां शुरू होने वाला प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण मददगार बनेगा। दरअसल जिन 44 हजार लोगों का प्रशिक्षण इन सरकारी आईटीआई में होना है, उसके एवज में आईटीआई को 4775 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से मिलेगा। ऐसे में हर सरकारी आईटीआई को अपनी लैब सहित दूसरे संसाधनों को सुदृढ़ करने के लिए सरकार की ओर नहीं देखना होगा। प्रशिक्षण से मिलने वाली राशि से ही वे खुद को अपग्रेड कर सकेंगे।
श्रम संसाधन विभाग ने हाल ही में लोक अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) संग एक समझौता किया है। इस समझौते के अनुसार श्रम संसाधन विभाग के अधीन संचालित सरकारी आईटीआई में 44 हजार प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें 36 हजार प्लंबर और आठ हजार इलेक्ट्रीशियन शामिल हैं। सामान्य तौर पर राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बहुत अपग्रेड नहीं हैं। आईटीआई की दशा और युवाओं का कौशल निखारने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इन सभी आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का फैसला किया है।
बीते दिनों टाटा टेक्नोलॉजी से भी करार किया गया है, जो इन सभी संस्थानों को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करेगा। इधर, श्रम संसाधन और पीएचईडी के बीच हुए करार से सरकारी आईटीआई को ऑक्सीजन मिलने जा रही है। पीएचईडी अभी तक प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन का जो प्रशिक्षण निजी एजेंसियों से कराता था, वो अब सरकारी आईटीआई में होगा। ऐसे में सरकार का पैसा एक विभाग से दूसरे विभाग के पास ही जाएगा। प्रति अभ्यर्थी 4775 रुपए के हिसाब से 44 हजार लोगों का 21 करोड़ से अधिक होता है।
11 दिन का प्रशिक्षण, मिलेगा एक हजार मानदेय
इस प्रशिक्षण में पूर्व से जानकारी रखने वाले या कार्यरत प्लम्बर और इलेक्ट्रिशियन को भी आरपीएल (रिकगनाइज प्रायर लर्निंग) योजना के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण 11 दिन का होगा। मूल्यांकन और प्रमाणन भी किया जाएगा। इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थियों को एक हजार रुपए भी बिहार कौशल विकास मिशन द्वारा दिये जाएंगे।
प्रशिक्षकों को दी गई ट्रेनिंग
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जहां प्रशिक्षुओं को लाभ होगा, वहीं आईटीआई भी खुद को भविष्य की चुनौतियों के हिसाब से तैयार कर सकेंगे। इससे आईटीआई की शार्ट टर्म कौशल विकास प्रोग्राम चलाने की क्षमता का विकास होगा। निकट भविष्य में यहां दूसरे आधुनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा सकेंगे। प्लंबरों और इलेक्ट्रीशियन को प्रशिक्षित करने के लिए पहले आईटीआई ने अपने ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया है। विभिन्न आईटीआई से बुलाकर ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कोर्स कराया गया है। अब यह ट्रेनर लोगों को प्रशिक्षण देंगे।
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