जहां पढ़ाई कर किसी का नहीं निकला था UPSC प्रीलिम्स, वहां पढ़कर ये शख्स बने IAS अधिकारी
मुकुंद कुमार ने महज 22 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को पास कर लिया। उन्होंने इस परीक्षा में 54वीं रैंक हासिल की है। आपको बता दें कि मुकुंद ने साल 2019 में
UPSC Success story: मधुबनी जिले के किसान मनोज ठाकुर के लिए यह किसी सपने के सच होने से कम नहीं था, जब उनके बेटे मुकुंद कुमार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा- 2019 में अपने पहले प्रयास में 54वीं रैंक हासिल की थी। रिजल्ट जारी होने के बाद घर पर खुशी की लहर दौड़ चुकी थी। आइए जानते हैं IAS अधिकारी मुकुंद कुमार के बारे में, उन्होंने कैसे की थी तैयारी।
दिल्ली विश्वविद्यालय से इंग्लिश ऑनर्स डिग्री हासिल करने वाले मुकुंद ने अपनी शुरुआत पढ़ाई मधुबनी जिले के राजनगर औसिया शारदा विद्यालय से पूरी की थी। वह शुरू से पढ़ाई में अच्छे और भविष्य अपने कुछ बेहतर करने के बारे में सोचते थे।
साल 2006 में, उन्होंने असम में सैनिक स्कूल, गोलपारा के लिए एंट्रेंस एग्जाम दिया और उसमें सफल भी रहे। जिसके बाद 2012 में सैनिक स्कूल से कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी की और फिर ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय से इंग्लिश ऑनर्स कोर्स में एडमिशन लिया था। दिल्ली आने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा के बारे में पता चला था। वह इस परीक्षा से काफी प्रभावित हुए थे।
बता दें, मुकुंद शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे। उन्होंने साल 2020 में यूपीएससी परीक्षा के दौरान हीं बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 64वीं संयुक्त प्रतियोगी मुख्य परीक्षा भी पास की थी, इसके अलावा उन्होंने 65वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए पेपर भी लिखे थे।
मुकुंद के मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं, ऐसे में वह यूपीएससी की तैयारी के लिए ऐसी कोचिंग सेंटर की तलाश कर रहे थे, जो सस्ती है। वह जानते थे कि दिल्ली में यूपीएससी के काफी महंगे कोचिंग सेंटर होते हैं ऐसे में एक सस्ती कोचिंग सेंटर को तलाश करना मुश्किल है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
काफी तलाशने के बाद उन्हें एक ऐसा कोचिंग सेंटर मिला जिसकी फीस कम थी। हालांकि वह एक ऐसा कोचिंग सेंटर था, जहां यूपीएससी की तैयारी करने वाले एक भी उम्मीदवारों को प्रीलिम्स परीक्षा में सफलता नहीं मिली थी। मुकुंद ने इन बातों का नजरअंदाज करते हुए वहां दाखिला ले लिया था। वह जब रिजल्ट जारी हुआ तो किसी को यकीन नहीं हुआ कि उन्होंने प्रीलिम्स परीक्षा पास कर ली है।
बता दें, साल 2019 में मुकुंद ने परीक्षा दी थी और महज 22 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास कर ली थी। मुकुंद कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने से पहले उम्मीदवारों को सिलेबस की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
ज्यादातर देखा जाता है कि लोग यूपीएससी की परीक्षा दो से चार बार दे चुके होते हैं, लेकिन उन्हें परीक्षा के सिलेबस के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। दूसरी बात, उन्होंने बताया कि जब आप यूपीएससी की तैयारी करते हैं तो आपके पास इसके लिए एक उचित मकसद होना चाहिए क्योंकि जब किसी के पास कोई काम करने का मकसद होता है तो वह उस परीक्षा की गहराई को अच्छी तरह से समझता है।
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