Bihar Board Matric Result 2019: आदर्श विद्यालयों के रिजल्ट नहीं रहे बेहतर
बिहार बोर्ड के मैट्रिक का रिजल्ट जारी हो गया है। पहली बार ऐसा हुआ जब 80 फीसदी विद्यार्थी सफल हुए हैं। बावजूद सूबे के आदर्श विद्यालयों के रिजल्ट बेहतर नहीं रहे। अधिकतर आदर्श विद्यालयों के 35...
बिहार बोर्ड के मैट्रिक का रिजल्ट जारी हो गया है। पहली बार ऐसा हुआ जब 80 फीसदी विद्यार्थी सफल हुए हैं। बावजूद सूबे के आदर्श विद्यालयों के रिजल्ट बेहतर नहीं रहे। अधिकतर आदर्श विद्यालयों के 35 फीसदी विद्यार्थी असफल रहे। प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी कम है। इंटर की परीक्षा में भी इन विद्यालयों का रिजल्ट बेहतर नहीं रहा था।
ज्ञात हो कि प्रदेश के हर जिले में एक-एक माध्यमिक विद्यालय को आदर्श बनाया गया था। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने ऐसे विद्यालयों का चयन किया था, जहां पर मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ समुचित शिक्षक भी कार्यरत हैं। प्रदेशभर में 38 आदर्श विद्यालय हैं। इन विद्यालय में नियमित पढ़ाई भी होती है। लैब के साथ लाइब्रेरी की भी सुविधा है। इन विद्यालयों को आदर्श रूप में रखकर रिजल्ट दिखाना मकसद था। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी किरण कुमारी ने बताया कि प्रदेश में 38 माध्यमिक स्कूल आदर्श विद्यालय हैं। इनमें मूलभूत संरचना के साथ शिक्षकों की स्थिति भी ठीक है। बावजूद रिजल्ट के मामले में ये स्कूल दूसरों के लिए आदर्श नहीं बन पाये।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने आदर्श स्कूल तो बना दिया लेकिन अधिकतर स्कूल अतिक्रमण से ग्रसित है। बांकीपुर गर्ल्स हाईस्कूल की बात करें तो यहां का परिसर वर्षों से अतिक्रमित है। इस कारण बालिका छात्रावास शुरू नहीं हो पाया। कुछ ऐसा ही हाल मुजफ्फरपुर स्थिति माध्यमिक विद्यालय, भगवानपुर का है। स्कूल के सेवानिवृत कर्मी स्कूल परिसर में रह रहे हैं। लेकिन प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग इसओर ध्यान नहीं दे रहा है।
मैट्रिक रिजल्ट में पास प्रतिशत तो बढ़ा, लेकिन प्रथम श्रेणी में छात्राएं जगह नहीं बना पाईं। 486 में से 97 छात्राएं प्रथम आई हैं। - मीना कुमारी, प्राचार्य, बांकीपुर गर्ल्स हाईस्कूल.
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