Hindi Newsकरियर न्यूज़Bihar Board fined 2 lakh in 2017 student failed in10th Sanskrit exam later found she got 77 marks

Bihar Board पर 2 लाख जुर्माना, छात्रा ने 2017 में दी थी 10वीं की परीक्षा, संस्कृत में दिखाया फेल, बाद में पता चला आए थे 77 मार्क्स, 2 साल हुए बर्बाद

गैर जिम्मेदार आचरण के कारण छात्रा का दो शैक्षणिक वर्ष बर्बाद करने पर पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दो लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। एक माह के भीतर मुआवजा राशि का भुगतान करना

Anuradha Pandey संवाददाता, पटनाTue, 25 July 2023 06:37 AM
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गैर जिम्मेदार आचरण के कारण छात्रा का दो शैक्षणिक वर्ष बर्बाद करने पर पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दो लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। एक माह के भीतर मुआवजा राशि का भुगतान करना होगा। साथ ही 25 हजार रुपये बतौर मुकदमा खर्च भी देने का आदेश दिया गया है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने मनोज कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।

आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उसकी पुत्री ने वर्ष 2017 में मैट्रिक परीक्षा दी थी। संस्कृत में फेल दिखाकर रिजल्ट दिया गया। रिजल्ट देख पुत्री सदमे में आ गई। उसने पढ़ाई ही छोड़ दी। बाद में सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में करीब डेढ़ साल बाद बताया गया कि उसे संस्कृत में 77 अंक प्राप्त हुए हैं। बोर्ड की गलती से बच्ची का करियर बर्बाद हो गया। वहीं बोर्ड के वकील ने माना कि संस्कृत में 77 अंक के बजाय 3 अंक दिए गए। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारियों का यह गैर जिम्मेदाराना कृत्य है। बच्ची ने रिजल्ट जारी होने के तुरंत बाद अपेक्षित शुल्क के साथ जांच के लिए आवेदन दिया था, लेकिन समय पर ध्यान नहीं दिया गया। बोर्ड को सुधारात्मक कार्रवाई करने में डेढ़ साल लग गए।

छात्रा के दो साल बर्बाद हुए
कोर्ट का कहना था कि प्रथम श्रेणी से पास छात्रा को फेल दिखाये जाने से उसने दो शैक्षणिक वर्ष खो दिए, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। कोर्ट ने बोर्ड को मामले की जांच कर दोषी अधिकारी से राशि वसूलने की छूट दी है।

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