बिहार बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2021 : पिछले साल की तुलना में 2.4 फीसदी गिरा इंटर का रिजल्ट
bihar board 12th result 2021 : बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा के नतीजे शुक्रवार को जारी कर दिए गए। इस बार इंटर आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस तीनों में कुल 78.4 फीसदी छात्र सफल हुए हैँ जो कि पिछले साल से 2.4...
bihar board 12th result 2021 : बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा के नतीजे शुक्रवार को जारी कर दिए गए। इस बार इंटर आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस तीनों में कुल 78.4 फीसदी छात्र सफल हुए हैँ जो कि पिछले साल से 2.4 फीसदी कम रहा। 2020 में बिहार बोर्ड इंटर का रिजल्ट 80.44 फीसदी रहा जो कि अब तक का सर्वाधिक है। वहीं 2019 में इंटर में कुल 79.76 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए थे। 2017 के बाद बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम में कई बदलाओं के बाद जिस तरह से लगातार बिहार बोर्ड का रिजल्ट बढ़ रहा था उससे उम्मीद थी कि इस बार भी यह 80 फीसदी को पार कर जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
यहां चेक करें बिहार बोर्ड 12वीं का रिजल्ट-
सबसे पहले रिजल्ट जारी करने का बना कीर्तिमान:
बिहार बोर्ड ने बताया कि इंटर परीक्षा में इस साल 13.4 लाख छात्रों का रिजल्ट 21 दिनों के अंदर घोषित किया गया जो कि पूरे देश में अपने लिए एक कीर्तिमान है। 13 लाख से अधिक छात्रों के लिए 71.59 लाख उत्तरपुस्तिकाएं लगीं जिनका मूल्यांकन 21 दिनों के भीतर कर लिया गया।
3.6 लाख विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से पास:
बिहार बोर्ड के अनुसार, इस बार सफल विद्यार्थियों में 361597 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में, 542993 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी में और 141352 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी में सफल हुए हैं। बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2021 में कुल 1340267 विद्यार्थी शामिल हुए थे जिनमें 696589 छात्र तथा 643678 छात्राएं थीं। आज घोषित हुए परीक्षाफल में विज्ञान संकाय में सोनाली कुमारी ने 471 (94.20%), वाणिज्य संकाय में सुगंधा कुमारी ने 471 (94.20%) अंक प्राप्त कर राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया। इसी प्रकार कला संकाय में मधु भारती एवं कैलाश कुमार ने 463-463 (92.60%) अंका पाकर प्रथम स्थान हासिल किया।
2018 से लागू हुआ वैकल्पिक प्रश्नों का नियम:
2018 में सभी विषयों में 50 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को लागू किया गया था। इसके अलावा लघुउत्तरीय प्रश्नों में 50 फीसदी अतिरिक्त विकल्प दिए जाते हैं। इसका असर है कि 2017 की तुलना में 2018 में 17 फीसदी रिजल्ट में वृ़द्धि हुई। इसके बाद 2020 में विकल्प वाले प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गई। इसका असर हुआ कि छात्रों को विकल्प वाले प्रश्न अधिक मिले। इससे प्रश्न छूटने की दिक्कतें नहीं हुई। विकल्प वाले प्रश्नों की सुविधा मिलने से अधिकतर छात्रों ने सारे प्रश्नों के उत्तर दिए। इससे सफलता का प्रतिशत बढ़ा था।
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