bihar board 12th result 2021: 2017 से 2020 तक 44.58 फीसदी बढ़ा बिहार बोर्ड 12वीं रिजल्ट, जानिए वजह
bihar board 12th result 2021: बिहार बोर्ड 2वीं का रिजल्ट अब से कुछ देर बाद ही जारी होने वाला है। पिछले वर्षों की तरह इस भी बिहार बोर्ड का रिजल्ट अच्छा रहने की उम्म्मीद है। क्योंकि 2017 से 2020 तम...
bihar board 12th result 2021: बिहार बोर्ड 2वीं का रिजल्ट अब से कुछ देर बाद ही जारी होने वाला है। पिछले वर्षों की तरह इस भी बिहार बोर्ड का रिजल्ट अच्छा रहने की उम्म्मीद है। क्योंकि 2017 से 2020 तम बिहार बोर्ड के रिजल्ट में 44.58 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट रिजल्ट 2020 में कुल 80.44 प्रतिशत स्टूडेंट पास हुए थे। साल 2019 के रिजल्ट के हिसाब की तुलना में सफलता प्रतिशत 0.68 फीसदी ज्यादा रहा। यह 2019 के रिजल्ट की अपेक्षा अधिक रहा। 2019 में 79.76 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए थे। पिछले साल की तरह इस बार भी टॉपरों को 90 फीसदी से अधिक अंक आए थे।
बिहार बोर्ड ने रिजल्ट 2020 में तीनों संकाय के टॉप-5 का नाम दिए थे। टॉप पांच में विज्ञान संकाय में 16, कला संकाय में आठ, कॉमर्स संकाय में 10 टॉपरों के नाम दिए थे। 2020 के रिजल्ट में तीनों संकाय मिलाकर कुल 12 लाख 04 हजार 834 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें छह लाख 56 हजार 301 छात्र और पांच लाख 48 हजार 533 छात्राएं शामिल हुईं। बोर्ड की मानें तो प्रथम श्रेणी में चार लाख 43 हजार 284, द्वितीय श्रेणी में चार लाख 69 हजार 439 और तृतीय श्रेणी में 56 हजार 115 विद्यार्थी शामिल थे।
इस कारण से बढ़ा बिहार बोर्ड रिजल्ट का सफलता प्रतिशत:
सीबीएसई और आईसीएसई की तरह बिहार बोर्ड में भी उत्तीर्णता का प्रतिशत बढ़े, इसके लिए बोर्ड ने 2018 में सभी विषयों में 50 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को लागू किया। इसके अलावा लघुउत्तरीय प्रश्नों में 50 फीसदी अतिरिक्त विकल्प दिए गए। इसका असर है कि 2017 की तुलना में 2018 में 17 फीसदी रिजल्ट में वृ़द्धि हुई। इसके बाद 2020 में विकल्प वाले प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गई। इसका असर हुआ कि छात्रों को विकल्प वाले प्रश्न अधिक मिले। इससे प्रश्न छूटने की दिक्कतें नहीं हुई। विकल्प वाले प्रश्नों की सुविधा मिलने से अधिकतर छात्रों ने सारे प्रश्नों के उत्तर दिए। इससे सफलता का प्रतिशत बढ़ा।
2017 से बढ़ रहा इंटर परीक्षा में सफलता प्रतिशत:
बेहतर टेक्नोलॉजी वस्तुनिष्ठ प्रश्न को शामिल करने का असर है कि पिछले चार साल में इंटर रिजल्ट में 44.58 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। पहले असफल विद्यार्थियों की संख्या अधिक होती थी, लेकिन अब उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है। रिजल्ट में यह परिवर्तन 2017 से आया है। भले 2019 की तुलना में 2020 में 0.68 फीसदी की वृद्धि हुई है, लेकिन अगर 2017 से 2020 की बात करे तो 44.58 फीसदी रिजल्ट बढ़ा है।
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